UP GIS 2023: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 (Uttar Pradesh Global Investors Summit 2023) में निवेश की बौछार (33.5 लाख करोड़) हुए हुई। अब उत्तर प्रदेश के जिलों में निवेश की बात करें तो नोएडा (Noida) ने बाजी मारी है।
रिपोर्ट के अनुसार नोएडा के लिए सर्वाधित 1,335 एमओयू साइन हुए हैं। यह प्रदेश में कुल निवेश का 27.16 फीसदी हिस्सा है। इसके बाद 782 निवेश प्रस्तावों के साथ आगरा दूसरे स्थान पर है। जबकि प्रदेश की राजधानी लखनऊ 281 निवेश प्रस्तावों के साथ तीसरे नंबर पर है। लखनऊ को कुल निवेश का 6.79 फीसदी हिस्सा मिला है।
ये कंपनी बनी बनी सर्वाधिक निवेशक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक UP GIS 2023 में एमआरओ, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्किल डेवलपमेंट, टेक्सटाइल, ईवी, मेडिकल डिवाइस, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, एग्रीकल्चर और फार्मास्यूटिकल्स जैसे सेक्टरों में 1.9 लाख करोड़ रुपये के 16 एमओयू साइन करने वाली हांगकांग की टाउशेन इंटरनेशनल लिमिटेड सबसे बड़े निवेशक रही है।
कंपनी गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), मिर्जापुर, आगरा, लखनऊ और वाराणसी में अपनी परियोजनाएं स्थापित करेगी। एक अनुमान के मुताबिक इससे 62,494 रोजगार के अवसर बनेंगे।
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प्रदेश के इन क्षेत्रों को मिला इतना निवेश
इस समिट में ‘आरजी स्ट्रैटजीस ग्रुप’ दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है। इसने नवीकरणीय ऊर्जा, ईवी और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए 1.73 लाख करोड़ रुपये के 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रदेश सरकार ने पश्चिमांचल या पश्चिम यूपी के लिए 14.81 लाख करोड़ रुपये या फिर कुल निवेश का 45% यानी 8,389 समझौते हस्ताक्षर किए हैं। जबकि पूर्वांचल के जिलों के हिस्से में 9.54 लाख करोड़ रुपये यानी निवेश मंशा का 29% (5,406 समझौते) हिस्सा आया है। बुंदेलखंड और मांध्यांचल को कुल निवेश का 13% प्राप्त हुआ है।
सबसे ज्यादा निवेश इस सेक्टर में
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में सरकार को सबसे ज्यादा प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण और औद्योगिक पार्क हैं। सरकार ने अक्षय ऊर्जा के तहत 4.47 लाख करोड़ रुपये या कुल निवेश का 15.47% हिस्सा मिला है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के तहत सरकार ने 3.59 लाख करोड़ रुपये के 151 एमओयू साइन किए हैं। जबकि औद्योगिक पार्कों के तहत 3.28 लाख करोड़ रुपये के 2,020 एमओयू हस्ताक्षर किए गए हैं। मैन्युफैक्चरिंग में संभवतः सबसे ज्यादा 7,711 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।