Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित होने वाले वन्य जीवों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए 3.38 करोड़ खर्च होंगे। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-17 स्थित राजपुरा गांव में आधुनिक बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। इस परियोजना पर कुल 3.38 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
258 काले हिरण मौजूद
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के निर्माण के लिए कुल 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया था। इस भूमि अधिग्रहण से पहले भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा एक व्यापक सर्वेक्षण किया गया था। जिसमें एयरपोर्ट के 10 से 25 किलोमीटर के दायरे में वन्य जीवों की उपस्थिति की जांच की गई। सर्वे में सामने आया कि इस क्षेत्र में 258 काले हिरण, 29 सामान्य हिरण, सारस, नीलगाय, चिंकारा, बंदर, जंगली बिल्ली जैसे अनेक जीव सक्रिय रूप से मौजूद है।
संस्थान ने दिया सुझाव
भारतीय वन्य जीव संस्थान ने रिपोर्ट में स्पष्ट सुझाव दिया था कि इन प्रजातियों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक एवं संरचित योजना की आवश्यकता है। इसी सिफारिश के आधार पर यीडा (यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) और वन विभाग ने मिलकर इस परियोजना की रूपरेखा तैयार की।
10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में होगा केंद्र
राजपुरा गांव में बन रहा यह पुनर्वास केंद्र 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला होगा, जिसमें से 5 हेक्टेयर भूमि यीडा की है। शेष 5 हेक्टेयर वन विभाग को सौंपी गई है। केंद्र को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्वीकृति मिल चुकी है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के तहत यहां कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इनमें घायल या बीमार जानवरों के लिए चिकित्सालय, क्वारंटीन केंद्र, शेड, पोस्टमार्टम हाउस, मृत पशुओं को दफनाने की समुचित व्यवस्था, सुरक्षा कर्मियों के लिए आवासीय कक्ष और अन्य जरूरी बुनियादी ढांचे शामिल हैं।
यीडा करेगा निर्माण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नोडल अफसर एवं यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने जानकारी दी कि केंद्र के निर्माण की जिम्मेदारी यीडा की है जबकि इसका संचालन और प्रबंधन वन विभाग द्वारा किया जाएगा। यह केंद्र न केवल प्रभावित जीवों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा बल्कि भविष्य में अन्य विकास परियोजनाओं के लिए भी एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हो सकता है।
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