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New Parliament Building: नई संसद की शोभा बढ़ाएंगे भदोही-मिर्जापुर के कालीन; 900 कारीगरों ने इतने दिनों में किए तैयार

New Parliament Building: देश के नए संसद भवन की भव्यता और सुंदरता में उत्तर प्रदेश की मेहनत का भी रंग है। भदोही और मिर्जापुर के 900 कारीगरों ने 10 लाख मानव घंटों में काम करके कालीन तैयार किए हैं जो संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की शोभा बढ़ाएंगे। कालीनों पर मोर और कमल की […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jun 6, 2023 14:20
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New Parliament Building: देश के नए संसद भवन की भव्यता और सुंदरता में उत्तर प्रदेश की मेहनत का भी रंग है। भदोही और मिर्जापुर के 900 कारीगरों ने 10 लाख मानव घंटों में काम करके कालीन तैयार किए हैं जो संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की शोभा बढ़ाएंगे।

कालीनों पर मोर और कमल की बुनाई

रविवार को दिल्ली में बनकर तैयार हुए नए संसद भवन का प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया है। बताया गया है कि नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के फर्श पर ये विशेष कालीन बिछाए जाएंगे। इन कालीनों पर मोर और कमल की बेहद खूबसूरत आकृतियां बनाई गई हैं।

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एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस काम को 100 साल से ज्यादा पुरानी भारतीय कंपनी, ओबीटी कार्पेट्स ने पूरा किया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि बुनकरों ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए 150 से ज्यादा कालीन तैयार किए हैं। उन्हें एक अर्ध-गोलाकार कालीन भी टुकड़ों में तैयार किया गया है। दोनों सभाओं में बिछने वाले कालीन की कुल लंबाई 35,000 वर्ग फीट के आसपास है।

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एक भवन का कालीन 17,500 वर्ग मीटर का

रुद्र ओबीटी कार्पेट के अध्यक्ष चटर्जी ने कहा कि बुनकरों को 17,500 वर्ग फीट के हॉल (एक भवन) के लिए कालीन तैयार करना था। इसमें आकर्षक डिजाइन डालना हमारी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती था, क्योंकि कालीन को अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया गया है और फिर अलग-अलग हिस्सों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में डिजाइन और फिनशिंग का विशेष ध्यान रखा जाता है।

उन्होंने बताया कि राज्य सभा के लिए तैयार किए कालीन में मुख्य रूप से कोकम लाल रंग जैसे है। जबकि लोकसभा में बिछने वाले कालीन में एगेव हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है। कालीन में इन रंगों का इस्तेमाल मोर की आकृतियों में किया गया है।

कालीन बनाने वाली कंपनी ने किया ये दावा

कारीगरी की पेचीदगियों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कालीन बनाने के लिए 120 नॉट (गांठ) प्रति वर्ग इंच लगाई गई है। जबकि कुल मिलाकर 600 मिलियन से ज्यादा गांठें लगाई गई है। उन्होंने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश के भदोही और मिर्जापुर जिलों के रहने वाले बुनकरों ने नए संसद भवन के ऊपरी और निचले सदनों को कालीन बनाने के लिए 10 लाख मानव-घंटे काम किया है।

उन्होंने कहा कि हमने 2020 में कोरोना महामारी के बीच में काम शुरू किया था। सितंबर 2021 से शुरू हुई बुनाई की प्रक्रिया मई, 2022 तक चली थी।

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HISTORY

Written By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: May 28, 2023 04:25 PM

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