Delivery in front of Raj Bhavan: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। रविवार को लखनऊ में राजभवन के गेट के सामने सड़क पर एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया, क्योंकि सूचना देने बाद भी समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद महिला को रिक्शे से अस्पताल ले जाया जा रहा था।
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस मामले के सामने आने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एंबुलेंस क्योंकि लेट हुई है? प्रमुख सचिव उसकी जांच करवाएंगे। ब्रजेश पाठक ने कहा कि जरा भी कहीं लापरवाही हुई है तो संबंधित को बख्शेंगे नहीं। प्रदेश में सभी बहनों को अच्छा इलाज मिले ये मेरी ज़िम्मेदारी है। महिला अब सुरक्षित है और उनका इलाज चल रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के हजरतगंज में एंबुलेंस के समय से न पहुंचने पर महिला को सड़क पर बच्चे को जन्म देने की नौबत आई। बताया जा रहा है कि प्रसव पीड़ी होने पर इस गर्भवती महिला के परिजनों ने एंबुलेंस के लिए अनुरोध किया था।
वहीं, काफी देर बीतने के बाद भी एुंबलेस नहीं आने पर महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। परिजनों का आरोप है कि कॉल करने के आधे घंटे के बाद भी वहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई थी। हाल के दिनों में यह इस तरह का पहला मामला है। वहीं, जांच के बाद पता चलेगा कि एंबुलेंस पहुंचने में इतनी देर क्यों हुई?
रिक्शे से अस्पताल जा रही थी महिला
उधर, परिजनों का कहना है कि जब सूचना देने के काफी देर बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो दर्द बढ़ने पर महिला को रिक्शे के जरिये अस्पताल ले जाया जा रहा था। इस बीच राजभवन के सामने तेज दर्ज होने पर महिला को उतारकर अन्य महिलाओं की मदद से प्रसव कराया गया। इस दौरान कपड़े का पर्दा बनाकर उसकी आड़े में महिला की डिलिवरी हुई।
उधर, समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार को घेरा और कहा कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। एम्बुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राज भवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक व सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है।