उत्तराखंड के हरिद्वार से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक गरीब व्यक्ति की गर्भवती पत्नी को महिला अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया. जिसके बाद महिला ने तड़पते हुए अस्पताल की फर्श पर ही बच्चे को जन्म दिया. जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
वहीं, मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों ने कहा, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने गर्भवती महिला को बाहर निकाल दिया और कहा कि यहां डिलीवरी नहीं होगी.
और बच्चा पैदा करोगी?…
वहीं, पीड़ित महिला की परिजन ने बताया कि जब मैं सुबह आई तो उसने सारी चीजें बताई कि किस तरह से उसके साथ व्यवहार किया गया और जब अंदर लेकर गए तो बेड पर लिटाने के लिए कोई तैयार ही नहीं था. डिलीवरी हो गई तो कहा कि- ‘और बच्चा पैदा करोगी?’
रिश्तेदार महिला ने कहा, क्या कोई किसी को ऐसे बोलता है? अस्पतालों में ऐसी लापरवाही होती है तभी जच्चा-बच्चा को जान का खतरा हो जाता है. अगर बच्चे को कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदारी लेता? जमीन पर उसकी डिलीवरी हुई है. हमार मांग है कि कोई भी आगे से आए तो उसका अच्छे से ट्रीटमेंट करें. यहां कोई खुशी से नहीं आता है दुख में आते हैं सब’.
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CMO का भी बयान आया सामने
वहीं, घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. लोगों का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है. घटना को लेकर सीएमओ आरके सिंह का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मैंने महिला चिकित्सालय से पता किया है और इसको मैं लिखित में मंगवा भी रहा हूं. मुझे मिली जानकारी के अनुसार, रात में करीब 9:30 बजे महिला अस्पताल आई थी और उसको इमेरजेंसी रू में एडमिट किया गया था. महिला की डिलीवरी में समय था. इसके बाद 1:30 बजे इसकी डिलीवरी हुई है. वीडियो की सत्यता पर संदेह है. गायनोलॉजिस्ट से भी बात की गई है उसमें ऐसा कुछ नहीं बताया गया है. अगर कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जांच के बाद हुई कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. आरवी सिंह की ओर से की गई जांच में प्रथम दृष्टया डाॅ. सलोनी पंत दोषी पाई गई हैं. इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चिकित्सक की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. वहीं उस दौरान ड्यूटी पर तैनात दो स्टाफ नर्स ज्ञानेंद्री और वंशिका मित्तल की लापरवाही भी सामने आई है. इस पर उनकी सर्विस बुक में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने की कार्रवाई की गई है.