ग्रेटर नोएडा : देश में स्वच्छता के क्षेत्र में साफ सफाई के लिए बहुत काम किया और लोगों को इसके लिए मोटिवेट भी किया जा रहा है। यही कारण है कि लोगों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया और पूरे देश में 11 करोड़ टॉयलेट बने। लेकिन राजधानी दिल्ली से महज़ 40 किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे में एक सरकारी विद्यालय ऐसा है जो सरकार को आईना दिखाने का काम कर रहा है।
यहां पर एक कमरे में 5 क्लास चलाई जा रही हैं और स्कूल में पढ़ने वाले 55 बच्चों के लिए एक भी शौचालय नहीं है। ऐसे में जब बच्चों को शौचालय जाना होता है तो वह आस-पास की रहने वाले लोगों से घरों बने टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए विवश होते हैं।
एक कमरा 5 क्लास 55 बच्चे कैसे होती है पढ़ाई
एक कमरा, 5 क्लास, 55 बच्चे और चार टीचर यह है, दादरी तहसील के गढ़ी गांव में बने प्राथमिक विद्यालय का, जहां पर एक भी शौचालय नहीं बना हुआ है। इस स्कूल की कोई चारदीवारी नहीं है न ही खेल का मैदान। स्कूल के कमरे में ही प्रिंसिपल बैठती है और इसी कमरे में पांच कक्षाएं चलती है।
अलग-अलग ब्लैक बोर्ड लगे हैं जिस बोर्ड की तरफ मुंह करके बैठे हैं बच्चे वह एक कक्षा है जबकि उनके पीछे ही दूसरी ओर मुंह करके बैठे बच्चे यह दूसरी कक्षा है। इस तरह से कमरे को पांच भागों में बांटा गया है। एक कोने में स्टील की अलमारी जिसने किताबें हैं। जिसे लाइब्रेरी का रूप दिया गया है।
स्कूल में नहीं है एक भी टॉयलेट
गांव वाले बताते हैं कि इस स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो जाने के कारण अक्टूबर 2020 में इस एक कमरे का निर्माण किया गया था और लेकिन बीते 3 साल से यह स्कूल शौचालय के लिए तरस रहा है। इसकी गुहार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से भी की गई, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी यहां शौचालय नहीं बन पाया है।
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ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले शिक्षक जहां शर्मिंदगी और असहाय महसूस करते हैं। वही गांव वाले इतने उदार हैं कि वह अपने शौचालय का उपयोग स्कूल के टीचरों और छात्रों को करने देते हैं।
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