Greater Noida Aqua Line Metro: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की एक्वा मेट्रो लाइन विस्तार परियोजना को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मंजूरी की मुहर नहीं लग पाई है। उम्मीद की जा रही है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इस परियोजना पर कुछ समाधान निकल सके।
एक्वा और ब्लू लाइन को यहां जोड़ा जाना है
जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा की एक्वा लाइन मेट्रो को नोएडा की ब्लू लाइन से जोड़ने की योजना है। मेट्रो की दोनों लाइनों के जुड़ने से एक्वा लाइन मेट्रो का विस्तार भी होगा। बताया गया है कि एक्वा लाइन का नोएडा में आखिरी स्टेशन सेक्टर-51 में है, जबकि दिल्ली के द्वारका से नोएडा के इलेक्ट्रॉनिक सिटी यानी सेक्टर 62 तक चलने वाली ब्लू लाइन मेट्रो का सेक्टर 52 में स्टेशन है। दोनों की दूरी करीब 400 मीटर है।
मंत्रालय को भेजा था 2197 करोड़ का प्रोजेक्ट
माना जाता है कि इस दूरी के कारण यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में मेट्रो अधिकारियों की योजना है कि एक्वा लाइन को ब्लू लाइन से जोड़ा जाए। ताकि लोगों की परेशानी कम हो सके। इसके लिए मेट्रो अधिकारियों ने दोनों लाइनों की कनेक्टिविटी के लिए 2197.49 करोड़ की लागत का प्रोजेक्ट तैयार किया था, जो केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय में अटका हुआ है।
एनएमआरसी ने दिया एफओबी का विकल्प
एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नोएडा मेट्रो रेल निगम ने विकल्प के तौर पर 420 मीटर लंबे फुट ओवर ब्रिज से दोनों स्टेशनों को जोड़ने का एक प्रस्ताव भी तैयार करके मंत्रालय को भेजा है। अधिकारियों को उम्मीद है कि अलगी कैबिनेट बैठक में इस परियोजना पर कुछ न कुछ समाधान निकल आएगा।
रोजाना 1.23 लाख यात्रियों का बै दबाव
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों के मुकालबे ग्रेटर नोएडा में आबादी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा से नोएडा और दिल्ली को जोड़ने के लिए मेट्रो की एक्वा लाइन शुरू हुई। आंकड़ों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा की एक्वा लाइन से रोजाना 1.23 लाख यात्री आते-जाते हैं। इन यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक्वा लाइन का विस्तार की योजना पर काम किया जा रहा है।