Digital Arrest: क्राइम इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है कि अब घर बैठे लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। हाल ही में डिजिटल अरेस्ट के एक मामला सामने आया है जिसके जरिए एक महिला ठगी का शिकार हुई है। महिला से ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए 84 लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला, और क्या होती है ‘डिजिटल अरेस्ट’?
महिला हुई ठगी का शिकार
साइबर अपराध पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक रंजीत सिंह ने बताया कि यह घटना तब सामने आई जब एक महिला ने शिकायत दर्ज करायी और कहा कि उसके साथ ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए 84 लाख रुपये की ठगी की गई है। दरअसल महिला की गलती सिर्फ इतनी रही कि उसने उन तीन लोगों पर विश्वास कर लिया जिन्होंने खुद को सीबीआई और सीमा शुल्क अधिकारी बताया था। फिर क्या था हो गया अकाउंट खाली।
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पुलिस ने किया 3 लोगों को गिरफ्तार
‘डिजिटल अरेस्ट’ का उत्तर प्रदेश की एक महिला शिकार हो गई जिसके अकाउंट से 84 लाख रुपये साफ हो गए। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और तीन आरोपियों राम सिंह, अक्षय कुमार और नरेंद्र सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि अक्षय कुमार नामक आरोपी बैंक कर्मचारी है और राम सिंह खाताधारक है। इन तीनों का पहले से भी क्रिमिनल रिकॉर्ड है।
क्या होता है ‘डिजिटल अरेस्ट’
अब ये जान लेते हैं कि आखिर ‘डिजिटल अरेस्ट’ होता क्या है। दरअसल एक नई साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें आरोपी स्वयं को सीबीआई या सीमा शुल्क अधिकारियों जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। ये नकली अधिकारी एकदम असली लगते हैं जो पीड़ित लोगों को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं। फिर खेलते हैं खेल और सामने वाले को प्रतिबंधित दवाओं के नकली अंतरराष्ट्रीय पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके उन्हें को गिरफ्तारी की धमकी देते हैं।
#Awareness
डिजिटल अरेस्ट केवल एक स्कैम है,कोई भी वैध अधिकारी आपको कॉल या वीडियो कॉल के जरिए गिरफ्तार नहीं करते, साइबर ठगी से बचाव के लिए जागरुकता जरूरी संदिग्ध कॉल आने पर न डरे, न लालच करे, और ना ही अपनी जानकारी साझा करे, किसी अनजान को अपना ओटीपी बैक डिटेल्स ना बताए। pic.twitter.com/OvxT8LzT7L
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) February 21, 2025
‘डिजिटल अरेस्ट’ से कैसे बचें
क्राइम इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है कि कोई भी सेफ नहीं है। आज हम डिजिटल अरेस्ट से बचने के तरीके बताने जा रहे हैं ताकी आपके अकाउंट पर किसी की नजर न लगे। इसके लिए सबसे पहले तो ये जान लें कि कोई भी सरकारी जांच एजेंसी आधिकारिक संचार लिए किसी भी तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करती है। अगर कभी आपके साथ ऐसा हो तो उसे इग्नोर करें और घबराएं तो बिल्कुल भी नहीं। ऐसा होने पर उसके सबूत इकट्ठा करें और रिकॉर्डिंग आदि कर लें और भी धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर खुद भी सेफ हों और अन्य लोगों को भी सेफ करें।
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