UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 अभी दूर है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी ने सहयोगी दलों को साधने के साथ गठबंधन का दायरा बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। इसी कड़ी में भाजपा गठबंधन को लेकर अब राष्ट्रीय लोकदल पर डोरे डाल रही है।
यही वजह है कि भाजपा नेता समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर तो हमलावर रहते हैं, लेकिन रालोद मुखिया जयंत चौधरी के प्रति नरम रवैया रहता है। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है।
रालोद से गठबंधन का ताजा इशारा मुजफ्फरनगर सीट से तीन बार के विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने किया है। उन्होंने अब जयंत चौधरी को अच्छे दिन याद दिलाए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रालोद से गठबंधन का निर्णय तो आलाकमान लेगा।
यहां पर बता दें कि लोकसभा चुनाव 2009 में भाजपा और रालोद का गठबंधन था, तब रालोद ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। कपिल देव अग्रवाल ने पांच सीटों के बहाने अच्छे दिन याद कराकर अपने पाले में लेने की कोशिश में हैं। उनका कहना है कि रालोद अगर साथ आ जाए तो उनकी स्थिति बेहतर होगी।
यहां पर बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में गठबंधन था और अब भी है। विधानसभा चुनाव में रालोद की स्थिति थोड़ी सुधरी है, लेकिन लोकसभा में हालत खराब है। विधानसभा में फिलहाल रालोद की 9 सीटे हैं। आलम यह है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद को एक भी सीट मिली।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी ने रालोद को गठबंधन कर 3 सीटों पर लड़ने का ऑफर दिया है, जबकि जयंत 4 सीटें मांग रहे हैं। दोनों ही अपनी बात पर अड़े हैं। वहीं, रालोद फिलहाल INDIA के साथ गठबंधन में और वह 12 सीटें मांग रहे हैं।