अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) को उत्तराखंड में प्रदेशभर में आयोजित हुए छात्रसंघ चुनावों में शानदार सफलता मिली है। महाविद्यालयों में लहराए भगवा परचम से एबीवीपी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है।
एबीवीपी संगठन का मानना है कि ये यह परिणाम छात्र-छात्राओं के उन संघर्षों और मुद्दों की विजय है, जिनके समाधान के लिए विद्यार्थी परिषद निरंतर सक्रिय रही है।
प्रदेश के अधिकांश शैक्षिक संस्थानों में अभाविप के कार्यकर्ताओं ने प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की है। इन सकारात्मक परिणामों से यह स्पष्ट है कि विद्यार्थियों ने राष्ट्र को तोड़ने वाली विभाजनकारी शक्तियों को अस्वीकार कर, राष्ट्रहित और छात्रहित में समर्पित विद्यार्थी परिषद के पैनल पर अपना विश्वास जताया है।
उत्तराखंड छात्रसंघ चुनावों में सफलता विद्यार्थी परिषद के उन अथक प्रयासों का परिणाम है, जो छात्रों के वास्तविक मुद्दों पर कार्य करते हैं। विगत समय में विद्यार्थियों के गंभीर समस्याओं पर अभाविप के कार्यकर्ताओं ने न केवल प्रमुखता से आवाज़ उठाई, बल्कि समाधान के लिए निर्णायक संघर्ष भी किया। विद्यार्थी परिषद सदैव छात्र हितों की रक्षा के लिए विद्यार्थियों के बीच रहकर, उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है और इसी अटूट विश्वास ने आज इस ऐतिहासिक जीत का मार्ग प्रशस्त किया है।
अभाविप इस जीत के लिए समस्त छात्र-छात्राओं का हार्दिक आभार व्यक्त करती है और उन्हें विश्वास दिलाती है कि यह केवल एक चुनावी विजय नहीं अपितु बड़ी ज़िम्मेदारी की शुरुआत है। प्रदेश के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज में अध्यक्ष पद पर अभाविप के प्रत्याशी ऋषभ मल्होत्रा व् हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय में महिपाल बिष्ट ने बड़ी जीत हासिल की
विद्यार्थी परिषद शैक्षिक परिसरों में सकारात्मक एवं रचनात्मक वातावरण के निर्माण तथा छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए दोगुनी ऊर्जा और समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मानना है कि ये देवभूमि में राष्ट्रवाद की जीत है। ये राज्य सैनिक बाहुल्य है। सनातन संस्कृति से ओतप्रोत है, महाविद्यालयों में प्रचंड जीत से राज्य में न सिर्फ विद्यार्थियों में बल्कि युवाओं में भी भारी उत्साह देखा गया है।