राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला का शव मौत के लगभग एक महीने बाद कब्र से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया। यह कार्रवाई एसडीएम के आदेश पर की गई।
दरअसल, सवाई माधोपुर जिले के शेषा गांव में 15 मार्च को एक विवाहिता महिला नजराना बानो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मौत के बाद पीहर और ससुराल पक्ष की सहमति से बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था और महिला को कब्र में दफना दिया गया था।
मृतका की मां ने दर्ज करवाया केस
हालांकि, 1 अप्रैल को मृतका की मां फरसाना बानो (पत्नी इलियास खान, निवासी करमोदा) ने मलारना डूंगर थाने में बेटी के पति, सास, ससुर, देवर और ननद के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने मलारना डूंगर एसडीएम के आदेश पर महिला का शव कब्र से बाहर निकालकर चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया।
मौत के एक महीने बाद हुआ पोस्टमार्टम
मेडिकल जुरिस्ट डॉ. नरेंद्र सिसोदिया के नेतृत्व में चार सदस्यीय चिकित्सा टीम ने मौके पर शव का पोस्टमार्टम किया। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए डिप्टी एसपी व जांच अधिकारी उदय सिंह मीणा के नेतृत्व में मलारना डूंगर थाना अधिकारी जितेंद्र सिंह सोलंकी, कुंडेरा व सवाई माधोपुर से अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया था। महिला का शव कब्र से निकाले जाने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण कब्रिस्तान के बाहर जमा हो गए थे। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पोस्टमार्टम के बाद शव को दोबारा दफना दिया गया है। अब जांच में पुलिस मौत के कारणों का पता लगाएगी। पुलिस का कहना है कि महिला की हत्या के सबूत मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मृतका की मां ने दहेज की मांग को लेकर उसके पति, ससुर, सास और अन्य पर हत्या करने का आरोप लगाया है।