नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम का दौरा किया। उन्होंने यहां सरकारी खर्च पर विकास कार्य कराने की घोषणा की। इस मौके पर गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा- केंद्र सरकार से कई बार मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का आग्रह किया गया, लेकिन हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान भी इसकी घोषणा नहीं की। ऐसे में अगर केंद्र सरकार मना करती है, तो राज्य सरकार राजकीय कोष से मानगढ़ में विकास कार्य करवाएगी।
राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण
मानगढ़ धाम राजनीतिक दृष्टि से भी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मानगढ़ धाम से तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं पर राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम आदिवासियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां का दौरा किया था। यहां की राजनीति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की करीब 100 विधानसभा सीटों पर इस इलाके का प्रभाव है।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं सीटें
पिछले विधानसभा चुनाव में इस इलाके में कांग्रेस को ज्यादा फायदा नहीं हुआ था, इसलिए इस बार यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान चल रही है। मानगढ़ धाम से गुजरात की 27, राजस्थान की 25 और मध्य प्रदेश की 48 सीटों पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। अब मुख्यमंत्री गहलोत ने इस धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है। इस मौके पर सीएम ने कहा- अनुसूचित जाति-जनजाति विकास कोष की राशि 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने का भी प्रावधान किया गया है।