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हे भगवान! बत्ती गुल हुई, टॉर्च लाइट में डिलीवरी की, निकला खौफनाक अंजाम

Pregnant Woman Delivery in Torch Light: बिजली चली गई तो टॉर्च लाइट में गर्भवती महिला की डिलीवरी कर दी, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। मुंबई के एक अस्पताल का मामला है और पीड़ित परिवार ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर केस दर्ज करने की मांग की है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 2, 2024 14:57
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pregnant women
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Delivery in Torch Light Killed Mother Child: मायानगरी मुंबई के नामी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का शर्मनाक मामला सामने आया है। ऐसी लापरवाही बरती गई कि गर्भवती महिला और उसके नवजन्मे बच्चे की जान चली गई, क्योंकि महिला की डिलीवरी टॉर्च लाइट में की गई थी। जी हां, मामला मुंबई के भांडुप इलाके में बने सुषमा स्वराज प्रसूति गृह का है।

मृतक महिला के परिजन घटना से भड़के हुए हैं। उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत देकर डिलीवरी करने वाले डॉक्टर और उसके स्टाफ पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। पीड़ितों ने महाराष्ट्र सरकार को दावों को खोखला बताया और कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इस तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ देश को विश्व का सबसे शानदार देश बनाने का सपना देख रहे हैं?

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हालत बिगड़ने पर करना पड़ा सी-सेक्शन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक महिला का नाम सहीदुन्निसा अंसारी बताया जा रहा है। उसकी उम्र 26 साल थी और वह भांडुप की ही रहने वाली है। उसे गत सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन अस्पताल में लाइट नहीं थी। हालत बिगड़ते देखकर डॉक्टर ने टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराने का फैसला किया।

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बताया जा रहा है कि सहीदुन्निसा की हालत के चलते सी-सेक्शन करना पड़ा। उसने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका वजन करीब 4 किलो था, लेकिन वह सांस नहीं ले रहा था। काफी कोशिशों के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ देर बाद ज्यादा खून बहने की वजह से सहीदुन्निसा ने भी दम तोड़ दिया।

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जांच के लिए गठित हुई 10 सदस्यीय समिति

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सहीदुन्निसा और नवजात की मौत होने से परिजन भड़क गए। उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस को फोन करके बुला लिया। पुलिस को मामले की पूरी जानकारी दी गई। BMC को भी मामले से अवगत कराया गया। पीड़ितों ने अस्पताल प्रशासन पर डिलीवरी करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।

विवाद बढ़ता देखकर BMC ने 10 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। इस समिति में जेजे अस्पताल के डॉक्टरों को शामिल किया गया है, जिन्हें मामले की गहन जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश हैं। वहीं पीड़ितों को समझाकर कार्रवाई का आश्वासन देकर जच्चा-बच्चा के पार्थिव शरीर लेने के लिए मनाया गया।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: May 02, 2024 02:49 PM

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