मध्य प्रदेश में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हो चुकी है। खंडवा स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल ओंकारेश्वर बनी इस प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री शिवराज चौहान 18 सितंबर को करेंगे। कई धातुओं से बनी प्रतिमा में आदि शंकराचार्य को 12 साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है। यह प्रतिमा एकात्मता की प्रतिमा कहलाएगी। सरकार के जनसंपर्क विभाग की ओर से कार्यक्रम की जानकारी दी गई है।
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प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा होगा
इंदौर से करीब 80 किलोमीटर दूर ओंकारेश्वर को आदि शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत दर्शन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने की शिवराज सरकार की योजना है। नर्मदा नदी के तट पर बसी धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर में मांधाता पर्वत पर बनी प्रतिमा का अनावरण विधानसभा चुनाव से 2 महीने पहले किया जा रहा है। यह प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा है। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास और MPSTDC ने मिलकर इस प्रतिमा निर्माण करवाया है।
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म्यूजियम और इंस्टीट्यूट भी बनेगा
प्रतिमा CP कुकरेजा आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन की है। प्रतिमा के पास आदि शंकराचार्य से जुड़ा अद्वैत लोक संग्रहालय और अद्वैत वेदांत संस्थान का निर्माण भी किया जाएगा। संग्रहालय पारंपरिक भारतीय मंदिर वास्तुकला का प्रतीक होगा। इसमें 3डी गैलरी बनेगी, जिसमें कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। एक थिएटर भी बनेगा, जिसमें आने वाले टूरिस्टों को आदि शंकराचार्य के जीवन से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी। अद्वैत वेदांत के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए संस्थान बनेगा।
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ओंकारेश्वर में 4 साल रहे थे आचार्य
खंडवा के कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने प्रतिमा लोकार्पण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिमा लगभग तैयार हो चुकी है। अनावरण समारोह में देशभर के साधु संत हिस्सा लेंगे। धार्मिक अनुष्ठान होंगे। लोगों से भी कार्यक्रम को भव्य और सफल बनाने की अपील की गई है। बता दें कि केरल में जन्मे शंकराचार्य बालपन में संन्यास लेने के बाद ओंकारेश्वर आए थे और यहां 4 साल रुके थे। यह प्रदेश की विरासत है, जिसे समृद्ध बनाने के लबए 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन भी विकसित किया जा रहा है।