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‘बुंदेलखंड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे’, रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से पहले CM मोहन यादव का दावा

Sagar Regional Industry Conclave: बुंदेलखंड क्षेत्र में खनिज, पर्यटन, कॉटेज इंडस्ट्री, रिन्यूएबल एनर्जी, पेट्रो केमिकल्स ,प्लास्टिक, फूड प्रोसेसिंग, डेरी और फर्नीचर निर्माण में उद्योग लगाने की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Sep 26, 2024 11:58
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sagar Regional Industry Conclave
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Sagar Regional Industry Conclave: 27 सितम्बर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रहा है। इस कॉन्क्लेव को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि क्षेत्रीय अंचलों में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से निवेश में अभूतपूर्व सफलताएं मिली हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंड क्षेत्र को केन-बेतवा परियोजना की सौगात देकर पूरे क्षेत्र के समग्र विकास के नये द्वार खोल दिए हैं। इससे कृषि के साथ-साथ औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाली 27 सितम्बर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रहा है।

इस कॉन्क्लेव से वीरों की धरती के रूप में विख्यात बुंदेलखंड को एक नई पहचान मिलने के साथ औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि क्षेत्रीय अंचलों में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से निवेश में अभूतपूर्व सफलताएं मिली हैं। इससे क्षेत्र के विकास के साथ बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी होगा। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार बुन्देलखंड क्षेत्र के समग्र विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सागर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने से पहले बुंदेलखंड क्षेत्र के उद्योगपतियों से चर्चा की गई। सभी ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये व्यापक पैमाने पर निवेश के लिये सहमति दी है। देश-विदेश के उद्योगपतियों ने कॉन्क्लेव में शामिल होने और निवेश के लिए रूचि दिखाई है।

कॉन्क्लेव से पहले हैकाथॉन

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के एक दिन पहले सागर में बुंदेलखंड हैकाथॉन-2024- यानी नए विचारों का उत्सव कार्यक्रम गुरुवार 26 सितंबर को जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी ग्राउंड, सागर में आयोजित होगा। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPIDC) और IM Global की पहल पर, यह हैकाथॉन बुंदेलखंड में नए विचारों और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है, इससे क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और विकास को गति मिलेगी। इस हैकाथॉन में 600 से अधिक स्टार्टअप ने प्रविष्टियां भेजी थी, जिसमें से 60 सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप फाइनल में पहुंचे हैं।

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मिलेंगे ये पुरस्कार

हैकाथॉन में प्रथम पुरस्कार- ₹1,51,000, द्वितीय पुरस्कार- ₹1,00,000 और तृतीय पुरस्कार- ₹71,000 होगा। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी को ₹1,00,000, सर्वश्रेष्ठ सोशल मीडिया क्रिएटर- ₹51,000 और विशेष आकर्षण के तौर पर देश के जाने-माने स्टार्टअप निवेशकों की सहभागिता होगी।

कॉन्क्लेव की तैयारी पूरी

सागर में होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के भव्य आयोजन में देश और विदेश के साढे चार हजार से ज्यादा उघमियों ने अभी तक पंजीयन कराया है। सागर संभाग के सभी जिलों में खनिज आधारित उद्योग, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, पीतल, पेट्रोकेमिकल, बीड़ी, फर्नीचर, इंजीनियरिंग वर्क्स, प्लास्टिक और पैकेजिंग जैसे उद्योगों में अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से इन उद्योगों में व्यापक निवेश की उम्मीद है, जो न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगे। राज्य सरकार ने साल 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है। इस दिशा में सरकार द्वारा पूरे देश में रोड-शो और स्थानीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है।

सागर डीवीजन

सागर डीवीजन में आने वाले प्रमुख जिले- सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह और पन्ना में औद्योगिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू की जा रही हैं, जिससे राज्य में निवेश बढ़े और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों।

सागर जिला

सागर जिले में 5 औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 440 एकड़ भूमि पर 206 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इन इकाइयों में लगभग 211 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 4789 लोगों को रोजगार मिल रहा है। प्रमुख परियोजनाओं में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corporation Limited) द्वारा बीना स्थित रिफाइनरी में 15000 करोड़ रुपये का निवेश और 4000 लोगों को रोजगार शामिल है। इसके अलावा, रिफाइनरी के विस्तार और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के निर्माण के लिए 49000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश प्रस्तावित है, जिससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

छतरपुर जिला

छतरपुर जिले में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जो 145 एकड़ भूमि पर स्थित हैं। यहाँ कुल 82 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं, जिनसे 19 करोड़ रुपये का निवेश और 560 लोगों को रोजगार मिला है। भविष्य में ग्राम ढढारी में 131 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा ग्राम दामची, नया गांव, पठापुर, और सिकारपुरा में भी नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास प्रस्तावित है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण, खनिज आधारित उद्योग और इंजीनियरिंग वर्क्स जैसे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

टीकमगढ़ जिला

टीकमगढ़ जिले में 4 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 32 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इनसे लगभग 12 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 358 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। प्रमुख योजनाओं में बेल मेटल क्लस्टर और फर्नीचर क्लस्टर का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा, ग्राम सुनोरा खिरिया, कारी खास, और लिधौरा उगड़ में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय उद्योगों को और अधिक विस्तार मिलेगा।

निवाड़ी जिला

निवाड़ी जिले में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 119 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं। यहां 135 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 1690 लोगों को रोजगार मिला है। महत्वपूर्ण परियोजनाओं में पैसिफिक मेटा स्टील्स द्वारा 1772 करोड़ रुपये के निवेश से इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे 1164 लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, बबेड़ी जंगल और ग्राम जेर में नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है।

दमोह जिला

दमोह जिले में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 53 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं। इनसे 16 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 210 लोगों को रोजगार मिला है। यहां मेसर्स जे.एस.डब्ल्यू सीमेंट द्वारा 3000 करोड़ रुपये के निवेश से सीमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

पन्ना जिला

पन्ना जिला, जो हीरे की धरती के रूप में जाना जाता है, औद्योगिक विकास की दिशा में भी अग्रसर है। जिले में 2 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें 20 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इनसे 46 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है और 178 लोगों को रोजगार मिला है। प्रमुख परियोजनाओं में अमानगंज में 2000 करोड़ रुपये के निवेश से सीमेंट प्लांट का निर्माण और डायमंड बिजनेस पार्क की स्थापना शामिल हैं।

औद्योगिक संभावनाएं

सागर डीवीजन के सभी जिलों में खनिज आधारित उद्योग, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, पीतल, पेट्रोकेमिकल, बीड़ी, फर्नीचर, इंजीनियरिंग वर्क्स, प्लास्टिक और पैकेजिंग जैसे उद्योगों में अपार संभावनाएँ हैं। राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से इन उद्योगों में व्यापक निवेश की उम्मीद है, जो न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगे। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है।

इस दिशा में सरकार द्वारा पूरे देश में रोड-शो एवं स्थानीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है, जिससे राज्य औद्योगिक केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो रहा है। राज्य सरकार के इस नवाचार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में प्रदेश महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Sep 26, 2024 10:52 AM

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