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पुरातन हट्टा की बावड़ी को है जीर्णोद्धार का इंतजार, छह लाख राशि हुई आवंटित

Hatta ki bawdi: ग्राम हट्टा की पुरातन बावड़ी, जो सोलहवीं शताब्दी में गोंड राजाओं द्वारा बनवाई गई थी, इसके जीर्णोद्धार की मांग हो रही है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 3, 2024 17:01
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Hatta ki bawdi
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हट्टा की बावड़ी (Hatta ki bawdi): मध्य प्रदेश में ग्राम हट्टा की बावड़ी को सोलहवीं शताब्दी में गोंड राजाओं द्वारा बनवाया गया था। युद्ध के समय इस बावड़ी का उपयोग किया जाता था। यह तीन मंजिला इमारत है जिसके भूतल में पानी की बड़ी सी बावड़ी है। जिसके पानी के स्रोत का आज तक पता नहीं चल पाया है। यहां बारह महीने पानी भरा रहता है जो युद्ध के समय बहुत काम आता था। अभी पुरातत्व विभाग को छह लाख रुपए की राशि आवंटित हुई है फिर भी जीर्णोद्धार के काम में देरी की जा रही है।

जीर्णोद्धार की हो रही मांग

ग्राम हट्टा की पुरातन बावड़ी, जो सोलहवीं शताब्दी में गोंड राजाओं द्वारा बनवाई गई थी, आज जर्जर हो रही है और इसके जीर्णोद्धार की मांग हो रही है। यह बावड़ी युद्ध के समय बहुत काम आने वाली थी और इसे तीन मंजिला इमारत के साथ बनाया गया था। बावड़ी के पानी का स्रोत आज तक अज्ञात है, लेकिन यहां बारह महीने पानी भरा रहता है, जो युद्ध के समय अत्यंत महत्वपूर्ण था। 1987 में नगपुरे जमींदार के स्वामित्व में आने के बाद, इसे पुरातत्व विभाग को सौंपा गया।

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छह लाख की राशि हुई आवंटित

जीर्णोद्धार के लिए इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान के संचालक बता रहे हैं कि इस क्षेत्र में राशि का आवंटन किया जा रहा है, लेकिन यह राशि अपर्याप्त है। जीर्णोद्धार के काम में देरी हो रही है जिससे बावड़ी का स्थिति और भी बिगड़ रहा है। जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष उदयसिंह नगपुरे ने इस मुद्दे को शासन के सामने रखा है और उन्होंने बावड़ी के जीर्णोद्धार की मांग की है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के बावजूद अब तक जीर्णोद्धार के काम में देरी हो रही है, जिससे ग्राम हट्टा की बावड़ी और भी खतरे में पड़ रही है। इस संदर्भ में पुरातत्व विभाग को छह लाख रुपये की राशि आवंटित हुई है, लेकिन जल्दी से जीर्णोद्धार के काम को शुरू करने की आवश्यकता है ताकि इस महत्वपूर्ण स्मारक को बचाया जा सके और इसकी महत्वपूर्ण विरासत को सुरक्षित रखा जा सके।

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Edited By

News24 हिंदी

First published on: Feb 03, 2024 05:01 PM

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