Congress-AAP Alliance Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में जुटे हैं। इस बीच कांग्रेस सीईसी की बैठक में राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी का जिक्र कर सबको चौंका दिया है। खबर है कि राहुल गांधी ने बैठक में कांग्रेस के नेताओं से हरियाणा चुनाव में केजरीवाल से गठबंधन पर राय मांगी है। उन्होंने अपने नेताओं से फीडबैक देने को कहा है। इससे पहले भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हरियाणा लोकसभा चुनाव में साथ में उतर चुके हैं। ऐसे में गठबंधन को लेकर तस्वीर अगली सीईसी बैठक तक साफ हो सकती है। आइये जानते हैं इसके सियासी मायने क्या है?
हरियाणा कांग्रेस की बड़ी नेता और लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा ने गठबंधन से इंकार किया है। पिछले महीने उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पार्टी राज्य में मजबूत स्थिति में है और अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी। ऐसे में राहुल गांधी के गठबंधन वाली बात ने हरियाणा के स्थानीय नेताओं के सामने विकट स्थिति खड़ी कर दी है। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए जेल से बाहर निकले केजरीवाल ने हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
आप को कितनी सीटें देंगे राहुल गांधी
ऐसे में राहुल गांधी का गठबंधन वाला दांव कितना कारगर होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटें हैं। अगर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता है तो इसमें फायदा किसे हैं? राहुल गांधी को यह लग रहा है कि कांग्रेस उतनी मजबूत नहीं है जितनी पहले थी। ये भी एक कारण हो सकता है। अगर गठबंधन होता है तो आम आदमी पार्टी कम से कम 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ये भी सभी सीटें नाॅन जाट यानी ओबीसी समुदाय की बहुलता वाली हो सकती है। हरियाणा में कांग्रेस गुटबाजी से जूझ रही है। ऐसे में कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह हरियाणा में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। इसलिए हो सकता है कि राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव से पहले केजरीवाल के साथ गठबंधन की संभावनाएं तलाशने को कहा है।
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बीजेपी की नाॅन जाट पाॅलिटिक्स की काट है गठबंधन
एक सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस बीजेपी की नाॅन जाट वाली पाॅलिटिक्स की काट खोजने के लिए तो केजरीवाल से गठबंधन नहीं कर रही। राहुल गांधी नाॅन जाट वोटों को अपने पाले में करने के लिए केजरीवाल से गठबंधन करना चाहते हैं। जाट वोटों का बंटवारा कांग्रेस, इनेलो और जजपा में होना तय है। ऐसे में अगर नाॅन जाट वोट का साथ कांग्रेस को नहीं मिला तो पार्टी प्रदेश में चुनाव हार सकती है। इसलिए राहुल गांधी गठबंधन करने पर जोर दे रहे हैं। हरियाणा का दलित, ओबीसी और सामान्य वोट बीजेपी के खाते में जा सकता है। जिसको ध्यान में रखकर ही राहुल गांधी गठबंधन वाली पाॅलिटिक्स पर जोर दे रहे हैं।
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