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Kark Sankranti 2025: जुलाई में कर्क संक्रांति कब? जानें सही तिथि और सूर्य देव की पूजा का शुभ मुहूर्त

Kark Sankranti 2025: ग्रहों के राजा सूर्य जिस भी दिन कर्क राशि में प्रवेश यानी गोचर करते हैं, उस दिन कर्क संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। साल 2025 में जुलाई माह में सूर्य देव कर्क राशि में गोचर करेंगे। चलिए जानते हैं कर्क संक्रांति की सही तिथि और समय के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jun 29, 2025 09:26

Kark Sankranti 2025: साल में आने वाली प्रत्येक संक्रांति का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। यह पर्व हर महीने मनाया जाता है। जब भी सूर्य देव जिस राशि में गोचर करते हैं, उस राशि के नाम से संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, जुलाई माह में सूर्य देव कर्क राशि में गोचर करेंगे। इसलिए इस माह कर्क संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कर्क संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करना शुभ होता है। इससे साधक की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जिससे समाज में उसके काम को पहचान मिलती है। मान-सम्मान मिलता है और पैसों की कमी नहीं रहती है। इसके अलावा पिता संग रिश्ता मजबूत होता है। पूजा-पाठ के अलावा कर्क संक्रांति पर किसी पवित्र नदी में स्नान और गरीबों की मदद करने से भी सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। चलिए जानते हैं जुलाई में किस दिन कर्क संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही आपको सूर्य देव को खुश करने के लिए उनकी पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में पता चलेगा।

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कर्क संक्रांति 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, 16 जुलाई, वार बुधवार को सूर्य देव कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस दिन सूर्य का गोचर प्रात: काल 05 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में 16 जुलाई 2025 को कर्क संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में मौजूद हैं। 16 जुलाई से लेकर 17 अगस्त 2025 तक सूर्य देव कर्क राशि में ही रहेंगे।

पुण्य काल का सही समय

कर्क संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा पुण्य काल और महा पुण्य काल में करनी शुभ होती है। इस दिन प्रात: काल 05 बजकर 40 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 40 मिनट तक पुण्य काल है। जबकि महा पुण्य काल 16 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

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16 जुलाई 2025 का पंचांग

  • सूर्योदय- प्रात: काल 05 बजकर 34 मिनट पर
  • चन्द्रोदय- देर रात 10 बजकर 57 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04 बजकर 12 मिनट से लेकर 04 बजकर 53 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त- नहीं है
  • विजय मुहूर्त- दोपहर में 02 बजकर 45 मिनट से लेकर 03 बजकर 40 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम में 07 बजकर 19 मिनट से लेकर 07 बजकर 40 मिनट तक
  • राहुकाल- दोपहर में 12 बजकर 27 मिनट से लेकर 02 बजकर 10 मिनट तक
  • भद्राकाल- रात 09 बजकर 01 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक

कर्क संक्रांति की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद लाल या पीले रंग के शुद्ध कपड़े धारण करें।
  • सूर्य देव की पूजा करें।
  • तांबे के लोटे में जल, रोली, फूल और अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान सूर्य मंत्रों का जाप करें।
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • अपनी क्षमता के अनुसार दान करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 29, 2025 09:26 AM

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