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Ganga Dussehra 2025: आज गंगा दशहरा की रात करें ये 3 उपाय, पितरों की कृपा से धन-वंश में होगी वृद्धि

Ganga Dussehra Upay: आज गंगा दशहरा का पावन पर्व है। वैसे तो ये दिन देवी गंगा को समर्पित है, लेकिन इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। चलिए जानते हैं गंगा दशहरा की रात करने वाले तीन विशेष उपायों के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jun 5, 2025 09:24
Ganga Dussehra 2025
गंगा दशहरा के विशेष उपाय

Ganga Dussehra 2025: सनातन धर्म के लोगों के लिए गंगा दशहरा के पर्व का खास महत्व है। हर वर्ष ज्येष्ठ मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी गंगा को समर्पित गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस साल आज यानी 5 जून 2025 को गंगा दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में आज ही के दिन पृथ्वी पर देवी गंगा का अवतरण हुआ था। आज का दिन गंगा स्नान, दान और पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है। साथ ही कुछ उपाय करने से पितरों का विशेष आशीर्वाद मिलता है।

आज हम आपको शास्त्रों में बताए गए तीन ऐसे प्रभावशाली उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें गंगा दशहरा की रात करने से साधक को पितरों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। इसके अलावा पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी ये उपाय किए जा सकते हैं।

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गंगा दशहरा के प्रभावशाली उपाय

  • आज गंगा दशहरा की रात एक साफ तांबे का बर्तन लें। उसमें गंगाजल, जौ, काले तिल और अक्षत डालें। बर्तन को मंदिर में दक्षिण दिशा की और रखें और इसी दिशा में मुख करके पूजा करें। फिर किसी पेड़ की जड़ में जल को अर्पित करें। तर्पण करते समय अपने पितरों को याद करें और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें। इससे आपको पितरों का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा।
  • गंगा दशहरा की रात पीपल के पेड़ की पूजा करें। साथ ही वृक्ष के पास घी का एक दीपक जलाएं और पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा करें। ऐसा करने से आपके पितृ जरूर प्रसन्न होंगे और आपको धन-वंश वृद्धि का आशीर्वाद देंगे।
  • पितरों को खुश करने के लिए आज रात किसी पवित्र नदी के तट पर तिल के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही पितरों से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें। इस उपाय से आपको पितरों का आशीर्वाद जरूर मिलेगा। साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति हो सकती है।

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गंगा दशहरा के विशेष मुहूर्त

  • विजय मुहूर्त- दोपहर में 2:39 से लेकर 3:34 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- दोपहर में 11:52 से लेकर 12:48 मिनट तक
  • अमृत काल- देर रात 11:49 से लेकर अगले दिन की सुबह 1:37 मिनट तक

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 05, 2025 09:24 AM

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