---विज्ञापन---

Jyotish Shastra: अगर आपकी कुंडली में हैं ये 5 योग, तो बर्बाद होना तय! इन तरीकों से दूर करें संकट

Jyotish Shastra: ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि व्यक्ति की जन्म कुंडली देखकर उसके वर्तमान, भूत और भविष्य के बारे में आसानी से जाना जा सकता है। व्यक्ति के जन्म कुंडली में उपस्थित ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के मुताबिक शुभ-अशुभ योग का निर्माण होता है। योग यदि शुभ हो तो व्यक्ति का जीवन आराम से बिना किसी कष्ट के व्यतीत होता है, वहीं यदि कुंडली में अशुभ योग बन जाये तो व्यक्ति जीवन भर परेशान ही रहता है।

Edited By : Nishit Mishra | Updated: Sep 20, 2024 19:14
Share :
Jyotish Shastra, astrology

Jyotish Shastra: व्यक्ति की कुंडली में शुभ योग हो तो वह धन-सम्पदा से परिपूर्ण होता है।  ऐसा मनुष्य राजा की तरह जीवन जीता है। वहीं जिस व्यक्ति की कुंडली में अशुभ योग होता है वह हमेशा आर्थिक, मानसिक और पारिवारिक परेशानियों से ही घिरा रहता है। आइये जानते हैं 5 ऐसे योग के बारे में, इसे समय रहते अगर दूर नहीं किया गया तो, वह किसी भी व्यक्ति का जीवन  बर्बाद कर सकता है।

1.कम उम्र का योग (अल्पायु योग)

---विज्ञापन---

अगर किसी जातक की कुंडली में चन्द्र ग्रह छठे, आठवें और बारहवें भाव में विराजमान हैं तो ऐसे लोगों की मृत्यु अल्पायु में ही हो जाती है। इतना ही नहीं ऐसे लोग जीवन भर कई तरह के संकटों से घिरे रहते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो  महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रोज जप करने से इस संकट को दूर किया जा सकता है। यदि कुंडली से अल्पायु योग को जल्द दूर करना चाहते हैं तो दान-पुण्य करें और गलत कार्यों से हमेशा दूर ही रहें।

2.विष योग

---विज्ञापन---

यदि किसी की कुंडली में शनि और चन्द्रमा की युति है तो ऐसे में विष योग का निर्माण होता है।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में शनि और चंद्र ग्रह साथ आ जाते हैं तो उसका जीवन नरक के समान हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि चन्द्रमा से ज्यादा शल्तिशाली होने के कारण शनि हमेशा चन्द्रमा को दबाने का काम करते हैं जिसकी वजह से जातक की जिंदगी कष्टों में व्यतीत होता है। कुंडली में विष योग के होने से व्यक्ति को मानसिक परेशानी के साथ-साथ दाम्पत्य जीवन का कष्ट भी भोगना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को पीपल के पेड़ के सामने नारियल फोड़ने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से विष योग दूर हो जाता है।

3.षड्यंत्र योग 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्नेश भाव बिना किसी शुभ ग्रह के आठवें भाव में विराजमान हों तो उसकी कुंडली में षड्यंत्र योग का दोष होता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति की धन-सम्पदा नष्ट होने की संभावना बढ़ जाती है।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार षड्यंत्र योग से ग्रस्त व्यक्ति जीवन में अपनों के षड्यंत्र से  कष्ट झेलता है। इस योग से मुक्ति के लिए जातकों को सोमवार के दिन शिवलिंग पर सात  बिल्व पत्र चढ़ाने चाहिए, साथ ही भगवान शिव को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

4.चांडाल योग

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह के साथ राहु विराजमान हों तो चांडाल योग का निर्माण होता है।  ऐसा माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में चांडाल योग होता है वह ज्यादा पढाई नहीं कर पाता।  चांडाल योग के दोष के कारण ऐसे कोगों को जीवनभर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस योग के दोष से मुक्ति के लिए जातकों को गुरूवार के दिन गणेश जी को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए, साथ ही गुरूवार को ही पीली दालों का दान भी करना चाहिए।

5.ग्रहण योग

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि यदि चंद्र के साथ राहु-केतु कुंडली के किसी भी भाव में स्थित हों तो ग्रहण योग बनता है।  इस योग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव व्यक्ति के करियर पर पड़ता है। ग्रहण योग के प्रभाव के कारण व्यक्ति को बार-बार नौकरी बदलनी पड़ती है। यदि इस योग के साथ कुंडली में सूर्य भी विराजमान हो जाएं तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि आदित्यहृदय स्तोत्र के रोज पाठ करने से इस योग के दुष्परिणामों को कम किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें-Video: शनि-गुरु की कृपा से इस राशि के कारोबार में आएगी रफ्तार, धन लाभ की भी संभावना!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Nishit Mishra

First published on: Sep 20, 2024 07:14 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें