World Coconut Day 2025: नारियल दिवस का उद्देश नारियल के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसके साथ ही नारियल को ‘ट्री ऑफ लाइफ’ भी कहा जाता है। क्योंकि इसका हर हिस्सा काम आता है नारियल पानी से लेकर तेल और सूखा गोला (ड्राई कोकोनट) तक। साथ ही नारियल की जड़ भी काफी चीजों में काम आती है। आइए जानते हैं इस दिन के बारे में गहराई से कि आखिर ये दिन क्यों मनाया जाता है इसकी शुरूआत कब से हुई है।
क्यों मनाया जाता है विश्व नारियल दिवस
नारियल दिवस हर साल 2 सितंबर को मनाया जाता है ताकि नारियल की महत्ता, इसके स्वास्थ्य लाभ, और सभी के जिंदगी योगदान के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। नारियल का हर हिस्सा जैसे फल, पानी, तेल, छाल, पत्तियां किसी न किसी रूप में उपयोगी होता है। यह दिन विशेष रूप से नारियल किसानों और इससे जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना करने के लिए मनाया जाता है।
ये भी पढ़ें- Monsoon Workout Tips: जिम जाए बिना फिट दिखना है? बारिश में घर पर ट्राय करें ये 6 एक्सरसाइज
कब से हुई इसकी शुरूआत
ऐसा माना जाता है कि नारियल दिवस पहली बार 2 सितंबर 2009 को मनाया गया था और तब से ही यह हर वर्ष मनाया जा रहा है। इस दिन की शुरुआत Asian and Pacific Coconut Community (APCC) ने की थी।

नारियल का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नारियल फोड़कर की जाती है, जिसे समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। मंदिरों में नारियल चढ़ाना एक आम परंपरा है। जो की हर कोई करता है। इसके अलावा त्योहारों, विवाह पर भी नारियल का काफी महत्व होता है और ज्यादातर यूज किया जाता है। यह न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
ये भी पढ़ें- Healthy Soup For Diet: सिर्फ 15 मिनट में बनाएं हेल्दी रागी सूप, एक्सपर्ट की स्पेशल रेसिपी