Pasteurized Milk: डेयरी में दूध को पाश्चराइज्ड करने का मकसद दूध को हानिकारक बैक्टीरिया से मुक्त करना है। पाश्चराइजेशन की प्रक्रिया से दूध को पीने के लिए हेल्दी बनाया जाता है और वायरस को खत्म किया जाता है। इससे देर तक ताजा रहता है। पाश्चराइज्ड की विधि दूध में मौजूद बैक्टीरिया को मारने के लिए सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। वहीं एक्सपर्ट के अनुसार, जो हमारे लिए हानिकारक भी हो सकते हैं।
इस दूध में मौजूद साल्मोनेला जैसे खतरनाक बैक्टीरिया हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं। इसे 15 सेकंड के लिए 161.6 फारेनहाइट तक गर्म किया जाता है और फिर तुरंत ठंडा किया जाता है। इस प्रक्रिया को हाई टेम्परेचर पर उबाला जाता है और फिर कम समय में ठंडा किया जाता है जिसे पाश्चराइज्ड के रूप में जाना जाता है। ये भारत और दुनिया के कई हिस्सों में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आम विधि है।
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क्या पाश्चराइज्ड दूध को उबालना सही?
भारत में ताजा डेयरी दूध को ज्यादातर घरों में उबाला जाता है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के प्रोफेसर सौरभ गुप्ता कहते हैं, जब हम पाश्चराइज्ड के दौरान दूध को इतने हाई तापमान पर गर्म करते हैं, तो हम इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ा देते हैं। अगर हम इस दूध को और उबालते हैं, तो हम इसकी शेल्फ लाइफ कम कर देते हैं।
फूड सेफ्टी हेल्पलाइन डॉट कॉम के संस्थापक डॉ. सौरभ अरोड़ा के अनुसार, पाश्चराइज्ड दूध को उबालने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं होती है। वह बताते हैं कि पाश्चराइज्ड के दौरान इसे पहले ही हीट ट्रीटमेंट दिया जा चुका है, इसलिए दूध में बैक्टीरिया नहीं होते। इसलिए, इस दूध को और उबालने की जरूरत नहीं होती है। डेयरी वाले दूध को लोग इसलिए उबालते हैं, ताकि उसमें मौजूद बैक्टीरिया मर जाए।
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