Jalebi Sabse Pehle Kaha Banai Gai: जलेबी भारत की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में शुमार है, जिसे बड़े ही चाव से खाया जाता है. कई जगहों पर इसे बनाने का तरीका और नाम बिल्कुल अलग है. इसके बावजूद क्या आपको पता है कि यह भारतीय मिठाई नहीं है. सदियों पहले इसका एक अलग रूप भारत आया था और धीरे-धीरे यह हमारी थाली, त्योहारों और परंपराओं का हिस्सा बन गई. कहा जाता है कि इसका इतिहास बहुत ही रोचक रहा है, जिसके बारे में यकीनन आपको पता होना चाहिए. अगर आपके जलेबी का इतिहास नहीं मालूम तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है.
बहुत पुरानी है जलेबी की कहानी
- जलेबी का इतिहास मध्य-पूर्व और फारस इलाके से जुड़ा हुआ है. तब इसे जलाबिया के नाम से जाना जाता था.
- 10वीं से 12वीं सदी के दौरान व्यापारी इस मिठाई को भारत लेकर आए. इसके बाद धीरे-धीरे पूरे भारत की पसंदीदा डिश बन गई.
इसे भी पढ़ें- घर की रसोई में छुपा है मच्छरों का इलाज, ऐसे बनाएं नेचुरल मच्छर मारने वाली दवा, 100% दिखेगा असर
गेहूं के घोल से तैयार की जाती थी जलेबी
आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदा से बनने वाली जलेबी, गेहूं के घोल से तैयार की जाती थी. इसे चीनी से ज्यादा गुड़ की चाशनी में डालकर तैयार किया जाता था.
भारत में रखा गया जलेबी नाम
हम बता ही चुके हैं कि पहले इसे जलाबिया के नाम से जाना जाता था. लेकिन भारत में आने के बाद इसको बनाने का तरीका और नाम बदला गया.
भारतीय ग्रंथों में उल्लेख
- प्राचीन ग्रंथों के अनुसार जलेबी मुगल काल में ज्यादा फेमस हुई. फिर धीरे-धीरे इसे चाशनी, घी और स्थानीय अनाज के स्वाद से अपनी अलग पहचान बनाई.
- कई लोगों की यह पसंदीदा डिश है, जिसे त्योहार या खास मौके का हिस्सा बनाया जाता है.
- अब यह न सिर्फ हमारी थाली का हिस्सा है, बल्कि हमारा स्वाद और संस्कृति भी बन चुकी है.
इसे भी पढ़ें- Kheer Recipe: सर्दियों में इस तरह बनाएं गाजर की खीर, खाते ही और मांगने लगेंगे लोग










