Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत उड़ीसा के पुरी शहर हो चुकी है। यह दिन हर किसी के लिए खास होता है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों से भी लोग यहां आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से आपके सारे पाप धुल जाते हैं और आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग यहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने और इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं। इसके साथ ही भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों के दुखों को भी हरते हैं। वहीं कई बार ऐसा होता है कि जब हम इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं, तो भीड़ के कारण यह अधूरी रह जाती है। कई लोगों को ऐसा लगता है कि अगर वे इस रथ यात्रा को अधूरा छोड़ते हैं, तो उनके साथ बुरा होता है। आइए जानते हैं इसका क्या परिणाम हो सकता है?
रथ यात्रा अधूरी रहने के परिणाम
मान्यताओं के अनुसार, अगर आप किसी मजबूरी या विशेष परिस्थिति में रथ यात्रा को अधूरा छोड़ते हैं, तो इसके कारण कोई दोष नहीं लगता है। कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की भावना के भूखे होते हैं। अगर आप बिना किसी छल-कपट के सच्चे मन से यात्रा में शामिल होते हैं और आपको बीच में यात्रा छोड़नी पड़ती है, तो भगवान आपकी परिस्थिति को समझते हैं और हमेशा आपके साथ रहते हैं।
घर में कैसे रखी जाती है भगवान जगन्नाथ की मूर्ति?
अगर आप घर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति रखना चाहते हैं, तो इसके अपने नियम होते हैं। भगवान की मूर्ति को केंद्रीकृत जगह पर रखना सबसे अच्छा माना जाता है। कई लोग इसे मंदिर के कोने में रख देते हैं, जो एक अच्छा संकेत नहीं होता है। वहीं, अगर आप इनकी पूजा कर रहे हैं, तो सबसे पहले मूर्ति को फूलों से सजाएं। इसके बाद चंदन का लेप लगाएं और अब भगवान को फूल चढ़ाएं। इसके साथ ही गंदे हाथों से मूर्ति को न छूएं।