I.N.D.I.A Flag Tricolor Without Ashoka Chakra: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पॉलिटिकल पार्टीज़ ने अपनी कमर कस ली है। एक तरफ मौजूदा NDA सरकार और पीएम मोदी हर राज्य, हर जिले, हर शहर और हर बूथ को मजबूत करके देश में फिर कमल खिलाना चाहते हैं। तो वहीं मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। सत्ता को चुनौती देने के लिए इंडिया गठबंधन अब मुंबई में अपनी रणनीति तैयार करने उतरेगी। मुंबई में होने जा रही गठबंधन की बैठक की कई अहम प्लानिंग को लेकर News 24 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
2024 के लोकसभा के रण में अभी कुछ महीनों की देरी भले ही है, लेकिन एक तरफ जहां NDA अपने घटक दलों और मोदी नाम से 2024 की डगर का सफर तय करना चाहती है, तो वहीं दूसरी तरफ NDA की मंशा पर विपक्षी एकता स्पीड ब्रेकर लगाने की जुगत में लगी है। मोदी सरकार को अगले साल चुनौती देने के लिए INDIA यानि इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस ने अपनी ताकत और अपनी चुनावी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है।
मुंबई में लगे ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ वाले पोस्टर
इस बार नई नवेली इंडिया अलायंस मुंबई से सत्ता पक्ष को बड़ा चैलेंज देने की तैयारी कर रही है। मुंबई में होने जा रही इस बैठक से पहले बांद्रा और माहिम इलाकों में महाविकास की तरफ से बड़ा बैनर लगाया गया है, जिस पर लिखा है- ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’।
विपक्षी दलों की ओर से बनाया गया गठबंधन I.N.D.I.A की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर के दिन होनी है। मुंबई में होने वाली बैठक को लेकर बीते एक महीने से महा विकास आघाडी के घटक दलों द्वारा तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में मुंबई में बैठक तीन दिन पहले मुंबई में अलग-अलग जगह पर इंडिया गठबंधन का पोस्टर लगाया गया है। पोस्टर में टजुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ लिखा हुआ है। मुंबई की बैठक में कई विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे। पटना और बेंगलुरु में हुई बैठक को एक तरफ जहां शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया, वही दूसरी ओर मुंबई की बैठक कई मायने में खास मानी जा रही है।
विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी, जबकि दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। बेंगलुरू की बैठक में गठबंधन को ‘I.N.D.I.A’ नाम दिया गया था। अब विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होनी है और मुंबई में होने जा रही विपक्षी गठबंधन की इस तीसरी बैठक में कई एजेंडों को फाइनल किए जाने की खबर है।
मुंबई की बैठक का ये हो सकता है एजेंडा
मुंबई में 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाली बैठक का एजेंडा लगभग तय हो गया है। खबरों के मुताबिक…
- बैठक में ‘INDIA’ गठबंधन के चेयरमैन के नाम पर चर्चा होगी
- इसके अलावा बैठक में झंडा भी तय किया जा सकता है
- इसी झंडे का इस्तेमाल गठबंधन की रैलियों में होगा
- बैठक में अशोक चक्र को हटाकर तिरंगे को भी ‘INDIA’ गठबंधन का झंडा बनाए जाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है
- बताया जा रहा है कि गठबंधन ने देशभर में 450 लोकसभा सीटों की पहचान की है, जहां सिर्फ एक उम्मीदवार उतारा जाएगा
- मुंबई की बैठक के बाद सितंबर से देशभर में गठबंधन की साझा रैलियां शुरू हो जाएंगी
- इन साझा रैलियों में विपक्षी दलों के 6 से 7 प्रमुख नेता और विपक्ष के मुख्यमंत्री शामिल होंगे
- प्रस्ताव के मुताबिक, गठबंधन का एक चेयरमैन होगा, इसमें एक चीफ कोऑर्डिनेटर होगा और इसके अलावा 4-5 क्षेत्रिय कोऑर्डिनेटर बनाए जाने का भी प्रस्ताव है
पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला नहीं करेंगे गठबंधन के नेता
फिलहाल, जानकारी यही है कि गठबंधन के कॉमन झंडे के फैसले के बाद भी राज्यों में पार्टियां अपने अपने चुनाव चिन्ह पर ही लड़ेंगी। साथ ही रैलियों और प्रचार के दौरान गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करेंगे, बल्कि सरकार, बीजेपी की नीतियों, जातिगत गणना, महंगाई, बेरोजगारी जैसे तमाम दूसरे सामाजिक मसलों पर पीएम मोदी और सरकार को घेरा जाएगा।
विपक्षी गठबंधन की मजबूती ने मोदी सरकार के माथे पर खिंची टेंशन की लकीरें
विपक्षी गठबंधन की तेज होती मजबूती ने मोदी सरकार के माथे पर टेंशन की लकीरें दी हैं। शुरूआत में जिन विपक्षी दलों के एक साथ आने पर भी संदेह था, वो दल आज ना सिर्फ एक जुट हुए हैं बल्कि अपनी रणनीति से आने वाले चुनाव को और ज्यादा दिलचस्प भी बनाते जा रहे हैं। फिलहाल बगैर कप्तान के I.N.D.I.A गठबंधन पर मोदी और उनकी पूरी ब्रिगेड हमलावर है। पिछले कुछ वक्त से नीतीश कुमार का नाम गठबंधन के संयोजक के लिए जोर-शोर से सामने आया है, लेकिन नीतीश कुमार के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के बड़े नेता इस तरह के किसी भी कयास को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ इंडिया अलायंस में 26 दलों की फौज इकट्ठा करके नीतीश कुमार ने बिखर रहे ऑपोजिशन को एकजुट करने का जो काम किया है वो अब भी लगातार जारी है। नीतीश कुमार ने मुंबई में होने जा रही इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक में कुछ और राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना जताई है।
I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हैं ये पार्टियां
कांग्रेस
टीएमसी
शिवसेना (उद्धव गुट)
एनसीपी (शरद पवार गुट)
सीपीआई
सीपीआईएम
जदयू
डीएमके
आम आदमी पार्टी
झारखंड मुक्ति मोर्चा
आरजेडी
समाजवादी पार्टी
नेशनल कॉन्फ्रेंस
पीडीपी
आरएलडी
सीपीआई (ML)
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
केरल कांग्रेस (M)
मनीथानेया मक्कल काची (MMK)
एमडीएमके
वीसीके
आरएसपी
केरला कांग्रेस
केएमडीके
एआईएफबी
अपना दल कमेरावादी
हालांकि नीतीश कुमार ने संभावित दलों के नाम का खुलासा नहीं किया है, लेकिन नीतीश कुमार के चेहरे की चमक मुंबई में इंडिया गठबंधन के और मजबूत होने का इशारा जरूर कर गई। खबर तो यहां तक है कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को भी इंडिया गठबंधन में लाने की कोशिश हो रही है। इसके लिए बीएसपी प्रमुख मायावती से संपर्क भी साधा गया है। सूत्रों के मुताबिक, मायावती उत्तर प्रदेश में अपने खिसकते जनाधार को गठबंधन के सहारे संभालना चाहती हैं।
चर्चा है कि मायावती ने इंडिया में शामिल होने की शर्त रखी है। मयावती ने यूपी की कुल 80 सीटों में से 45 पर चुनाव लड़ना चाहती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था। 2019 लोकसभा चुनाव में बीएसपी को कुल 10 सीटें मिली थीं। समाजवादी पार्टी को गठबंधन के बावजूद 5 सीटों से संतोष करना पड़ा था। उसके बाद हुए यूपी विधानसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बीएसपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी।
ऐसे हालात में बीएसपी को लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की जरूरत है और नीतीश कुमार के साथ बीएसपी के सांसद दानिश अली की मुलाकात के भी यही मायने निकाले जा रहे हैं कि मायावती भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा होंगी। हालांकि मायावती आधिकारिक तौर से गठबंधन से इनकार करती रही हैं और बीएसपी सांसद दानिश अली भी इस तरह की किसी भी गठजोड़ से इंकार कर रहे हैं।
I.N.D.I.A गठबंधन के टारगेट पर कैसी सीटें?
जानकारी के मुताबिक, इंडिया गठबंधन का टारगेट सबसे पहले उन राज्यों में सीटवार चर्चा करने की है, जहां गठबंधन में शामिल दल पहले से एकजुट हैं। गठबंधन का फॉर्मूला है कि सबसे पहले 31 राज्यों की 400 सीट पर चर्चा को अंजाम दिया जाएगा। उसके बाद यूपी, पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पर चर्चा होगी। खबरों के मुताबिक, पटना और बेंगलुरु की बैठक में ममता बनर्जी के सकारात्मक रुख से गठबंधन की उम्मीद बढ़ी है, लेकिन गठबंधन को वामदलों से कुछ मुश्किलें हो सकती हैं।
वहीं, दिल्ली और पंजाब में प्रदेश कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं। इन राज्यों में प्रदेश कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।