नई दिल्ली: कश्मीरी आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने प्रशासनिक सेवा में वापसी कर ली है। उन्होंने 2019 में नौकरशाही से इस्तीफा देकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई, लेकिन बाद में राजनीति भी छोड़ दी। अब उन्हें संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। शाह फैसल सिविल सर्विस एग्जाम 2010 के बैच में टॉप रहे थे।
लौटने के दिए थे संकेत
सूत्रों ने बताया कि उन्हें मंत्रालय में नियुक्त करने के फैसले को केंद्र ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। फैसल का इस्तीफा सरकार द्वारा कभी स्वीकार नहीं किया गया था और उन्होंने बाद में इसे वापस भी ले लिया था। अप्रैल में ट्वीट कर फैसल ने अपनी बहाली पर भी संकेत दिया था। उन्होंने ट्वीट में कहा था- ‘मेरे जीवन के आठ महीनों (जनवरी 2019 से अगस्त 2019) ने मुझ पर इतना दबाव डाला कि मैं लगभग खत्म हो गया था। एक मिथ्या परिकल्पना का पीछा करते हुए मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया जो मैंने वर्षों में अर्जित किया था। नौकरी, दोस्त, प्रतिष्ठा, सार्वजनिक सद्भावना सब कुछ। लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया है।’
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जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी बनाकर राजनीति में उतरे
उत्तरी कश्मीर के गांव लोलाब के रहने वाले फैसल के पिता को 2002 में आतंकवादियों ने मार दिया था। फैसल ने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया था। सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी, फैसल को होम कैडर आवंटित किया गया था। डॉक्टर से नौकरशाह बने फैसल ने राज्य में कई पदों पर काम किया। जनवरी 2019 में शाह का प्रशासनिक सेवा से मोहभंग हो गया और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप कर जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी बनाकर राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया।
अपने इस्तीफे के समय, उन्होंने ट्वीट किया था, “कश्मीर में बेरोकटोक हत्याओं और केंद्र सरकार की ओर से किसी भी विश्वसनीय राजनीतिक पहल की अनुपस्थिति का विरोध करने के लिए, मैंने आईएएस से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कश्मीरी जीवन मायने रखता है। ”
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