नई दिल्ली: ईरान में चल रहे हिजाब क्रांति से जुड़े एक सवाल से असदुद्दीन ओवैसी ने किनारा कर लिया। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ ओवैसी ने कहा कि उनका ईरान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना हर किसी की पसंद है।
जब ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बारे में ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मुझे ईरान से क्या लेना-देना है। मैं आपके राष्ट्रवाद पर सवाल उठा रहा हूं। भारत की लड़कियां हिजाब पहनना चाहती हैं और आप ईरान पर सवाल उठा रहे हैं। अगर कोई पहनना चाहता है, तो उसे रोकने वाले आप कौन होते हैं?”
बता दें कि ईरान में एक बड़े पैमाने पर हिजाब विरोधी क्रांति हो रही है। हजारों महिलाएं महसा अमिनी नाम की एक 22 वर्षीय लड़की की मौत का विरोध कर रही हैं। अमिनी को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। अमिनी के परिवार ने दावा किया था कि उसने ठीक से हिजाब नहीं पहना था, इसलिए पुलिस ने हिरासत में लिया था।अमिनी की मौत के बाद ईरान की महिलाएं एकजुट हो गई हैं और अपने मूल अधिकारों की मांग कर रही हैं।
यह छोटे एनआरसी जैसा है: वक्फ सर्वेक्षण पर ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत सभी संपत्तियों के सर्वेक्षण का आदेश देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भी फटकार लगाई। ओवैसी ने पूछा कि आप यह सर्वेक्षण क्यों कर रहे हैं? आदेश अवैध है। यूपी सरकार को इसे तुरंत वापस लेना होगा। आप केवल वक्फ संपत्तियों के बारे में क्यों जानते हैं? आप हिंदू संपत्तियों की जांच क्यों नहीं करते?
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हैदराबाद के सांसद ने दावा किया कि एक विशेष समुदाय को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जा रहा है और कहा कि योगी सरकार को शिया या सुन्नी वक्फ बोर्ड में जाकर अतिक्रमण के बारे में पूछना चाहिए था। उन्होंने कहा, “यह छोटे एनआरसी की तरह है। वक्फ संपत्ति को दुश्मन की संपत्ति की तरह माना जा रहा है। सरकार वक्फ संपत्ति नहीं ले सकती।”
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