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पैक्ड फूड के शौकीनों के लिए हाईकोर्ट का नया फरमान; खाने से पहले जरूर दें ध्यान

Kerala HC directs eateries to display date and time on packaging: नॉनवेज सैंडविच खाने से लड़की की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने खाने-पीने की चीजें बेचने वालों को संबंधित चीज का तैयार किए जाने की तारीख और टाइम उस पर लेबल करने के निर्देश दिए हैं।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Nov 15, 2023 19:57
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तिरुवनंतपुरम: केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को खाने-पीने की चीजों को लेकर कड़ा निर्देश दिया है। बाहर का पैक्ड फूड खाने के शौकीन और ऐसी चीजें बेचने वाले लोगों जैसे भोजनालयों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। हाईकोर्ट का आदेश एक लड़की की मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आया, जिसकी नॉनवेज सैंडविच खाने के बाद फूड प्वायजनिंग के चलते मौत हो गई थी। इस मामले में न्याय करते हुए अदालत ने भोजनालयों को पैकेजिंग पर भोजन तैयार करने की तारीख और समय प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, चाहे काउंटर पर बेचा जाए या पार्सल के माध्यम से। साथ ही फूड सेफ्टी कमिश्नर की निगरानी की जिम्मेदारी तय की है।

पिछले साल हुई थी 16 वर्षीय लड़की की शावर्मा खाने से मौत

न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म मातृभूमि के अनुसार पिछले साल देवानंद नाम की एक 16 वर्षीय लड़की की शावर्मा (नॉनवेज सैंडविच) खाने के बाद फूड पॉइजनिंग के कारण जान चली गई थी। इसके बाद मृतक किशोरी की मां मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट की शरण में चली आई। याचिकाकर्ता देवानंद की मां ने अपनी बेटी की असामयिक मृत्यु के लिए 1 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि शावरमा की दुकान बिना लाइसेंस के चल रही थी और पिछले दो वर्षों में निरीक्षण की कमी थी। याचिकाकर्ता के वकील, अरविंद एस, एमवी अरेसन, प्रेमानंद ई और कार्तिक वी ने खाद्य व्यवसायों के समय-समय पर निरीक्षण के साथ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 और इसके नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए तर्क दिया।

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इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन की पीट ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को आदेश दिया कि वे भोजनालयों को भोजन तैयार करने की तारीख और सही समय प्रदर्शित करना अनिवार्य करें। यह कदम दूषित भोजन के सेवन के बाद खाद्य विषाक्तता के कारण होने वाली अन्य त्रासदियों को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। अदालत ने ऐसे भोजन के सेवन की सुरक्षित समयसीमा के संबंध में सार्वजनिक जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। खाद्य सुरक्षा आयुक्त अफसाना परवीन ने 14 नवंबर को अदालत को सूचित किया कि सितंबर 2022 में शावर्मा बेचने वाले भोजनालयों के निरीक्षण के नियमों के साथ जारी किए गए थे। न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने के महत्व को रेखांकित किया और अधिकारियों को इन्हें भोजनालय लाइसेंस में शामिल करने का निर्देश दिया।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि इन निर्देशों के उल्लंघन की तुरंत रिपोर्ट की जानी चाहिए। अदालत ने भोजनालयों को पैकेजिंग पर भोजन तैयार करने की तारीख और समय प्रदर्शित करने का आदेश दिया, चाहे काउंटर पर बेचा जाए या पार्सल के माध्यम से। अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त इस कार्यान्वयन की नियमित निगरानी करेंगे। जनवरी 2023 में दिशानिर्देश जारी करने और प्रतिबंध आदेश सहित खाद्य सुरक्षा आयोग द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों को स्वीकार करने के बावजूद, अदालत ने घोषणा की कि अधिक कार्रवाई आवश्यक थी। बारांडबेंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने चिंता व्यक्त की कि भोजनालयों और उपभोक्ताओं दोनों के बीच जागरूकता के बिना, दूषित शावरमा खाने जैसी दुर्घटनाएं जारी रह सकती हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 दिसंबर तय की है।

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Edited By

Balraj Singh

First published on: Nov 15, 2023 07:55 PM
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