India Vs Bharat: ‘इंडिया दैट इज भारत’ देश के संविधान में यह वाक्य साफ-साफ लिखा है, लेकिन अब इसे बदलने की तैयारी की जा रही है। इस तरह की चर्चा है कि केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार 18 से लेकर 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में इस संबंध में बिल ला सकती है।
आइये जानते हैं कि केंद्र सरकार को INDIA नाम हटाकर देश का नाम पूरी तरह से भारत करने में किस-किस प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके बाद देशभर में नाम बदलने पर हजारों करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अगर निजी संस्थानों की बात करें तो यह रकम और ज्यादा होगी।
संसद में लाना होगा बिल
केंद्र सरकार अगर INDIA को हटाकर भारत का नाम सिर्फ भारत करना चाहती है तो उसे इसके लिए इस बाबत एक बिल लाना होगा। दरअसल, अनुच्छेद-368 संविधान में संशोधन की अनुमति संसद को प्रदान करता है। इस अनुच्छेद के तहत कुछ मामलों में बिल पास कराने के लिए 50 प्रतिशन यानी बहुमत की जरूरत होती है, तो कुछ में दो तिहाई बहुमत हासिल करना जरूरी होता है।
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नियमानुसार, केंद्र सरकार के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है तो यह काम बिल्कल मुश्किल नहीं है। INDIA को भारत करने की कड़ी में सबसे पहले केंद्र सरकार को कैबिनेट से बिल का प्रस्ताव मंजूर कराना होगा।
इसके बाद इस बिल को संसद के दोनों सदनों में पेश करना होगा।
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गौरतलब है कि वर्तमान में भारत के संविधान में इंडिया दैज इज भारत दर्ज है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार वाकई में इंडिया को हटाकर पूरी तरह से सिर्फ भारत नाम करना चाहती है तो ऐसी स्थिति में बिल लाकर इंडिया शब्द को हटाना होगा।