Hijab Row: कर्नाटक की छात्राओं के एक समूह ने हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति की मांग को लेकरसुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। छात्राओं की ओर से वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उनकी मांग को रखा और तत्काल सुनवाई की मांग की। छात्राओं की मांग पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को देखेंगे और एक पीठ का गठन करेंगे। बता दें कि कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा 9 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है।
एडवोकेट शादान फ़रास्ट ने सीजेआई के सामने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा कि परीक्षाएं 9 मार्च से शुरू होने वाली हैं और अगर उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई तो लड़कियों का साल बर्बाद हो जाएगा।
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Lawyer mentioned before Supreme Court an application by Muslim girl students seeking to allow them to appear in examinations in colleges in Karnataka wearing Hijab. Lawyers apprise SC that exams are beginning on March 9. CJI DY Chandrachud says he will take a call on this. pic.twitter.com/LILmkwJ6uL
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 22, 2023
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CJI ने पूछा- एग्जाम देने से कौन रोक रहा है?
वकील की अपील पर सीजेआई ने पूछा कि छात्राओं को परीक्षा देने से कौन रोक रहा है? तो एडवोकेट ने कहा कि लड़कियों को सिर पर स्कार्फ बांधकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं है और लड़कियां इसके बिना परीक्षा देने के लिए तैयार नहीं हैं। हम उनके लिए केवल सीमित राहत चाहते हैं।
बता दें कि कर्नाटक सरकार की ओर से सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के बाद, कई मुस्लिम छात्राओं को निजी कॉलेजों में जाना पड़ा। हालांकि, परीक्षाएं सरकारी कॉलेजों में आयोजित की जाती हैं, जहां हिजाब पर प्रतिबंध है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ताओं ने अंतरिम राहत की मांग की है।
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