नई दिल्ली: असम के तिनसुकिया जिले में प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) का एक संदिग्ध गुरुवार तड़के पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में मारा गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। घटना मार्घेरिटा कस्बे में दोपहर करीब 1.30 बजे हुई। मामले की जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उल्फा काडर पिछले 10 दिनों से मारघेरिटा कस्बे के लेखापानी इलाके में शरण लिए हुए थे।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह के निर्देश पर पुलिस ने संदिग्ध उल्फा-आई कैडरों को पकड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया। शुरुआती घंटों में जब पुलिस उस क्षेत्र के करीब पहुंचने लगी जहां उल्फा-आई के सदस्य छिपे हुए थे, उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। बदले में पुलिस ने कई राउंड फायरिंग की।
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पुलिस ने कहा कि मारे गए उल्फा-आई कैडर की पहचान उत्तम लाहोन उर्फ उदय असोम के रूप में हुई है, जो उग्रवादी समूह का स्वयंभू सार्जेंट मेजर था। तिनसुकिया जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव अभिजीत दिलीप के मुताबिक, फायरिंग में उत्तम लाहोन को चोटें आईं और उसके खून से सने शव को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
फायरिंग के बाद अंधेरे का फायदा उठाते हुए अन्य संदिग्ध अपराधी भागने में सफल रहे। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि भागने वालों में से कुछ लोगों को फायरिंग में गंभीर चोटें आई हैं। हालांकि फायरिंग के दौरान कोई पुलिस कर्मी घायल नहीं हुआ।
पुलिस ने कहा कि उल्फा-आई काडरों का समूह तिनसुकिया जिले के एक प्रभावशाली व्यवसायी के अपहरण की योजना बना रहा था। अधिकारियों ने कहा कि उल्फा-मैं कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर आतंकवादी समूह के खिलाफ कार्रवाई के लिए हमला करने की भी योजना बना रहा था।
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