Ram Shankar Katheria: उत्तर प्रदेश में इटावा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया को दो साल की कैद हुई है। शनिवार को आगरा की एक अदालत ने 2011 के हमले के एक मामले में कठेरिया को दो साल की कैद की सजा सुनाई। भाजपा सांसद को आईपीसी की धारा 147 (दंगा) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत दोषी पाया गया।
सजा होने के बाद सांसद कठेरिया ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश हुआ था। कोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला दिया है। मैं अदालत का सम्मान करता हूं। मेरे पास अपील करने का अधिकार है और मैं इसका प्रयोग करूंगा। कठेरिया पर 2011 में बिजली आपूर्ति कंपनी के एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने का आरोप है।
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#WATCH | "…I appeared before the court normally. Court has given a decision against me today. I respect the court, I have the right to appeal and I will exercise it," says BJP MP Ramshankar Katheria https://t.co/9TJv97bxq3 pic.twitter.com/kSQb547Kvi
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 5, 2023
छिन सकती है सांसदी
अदालत के फैसले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया को लोकसभा से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। वह इटावा से मौजूदा लोकसभा सदस्य हैं।
किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले निर्वाचित प्रतिनिधि को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत तत्काल अयोग्यता का सामना करना पड़ता है। यदि कठेरिया किसी कोर्ट से स्टे लेकर आते हैं या उनकी सजा पर रोक लगा दी जाती है तो उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।
कौन हैं राम शंकर कठेरिया?
राम शंकर कठेरिया ने नवंबर 2014 से जुलाई 2016 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। कठेरिया राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह संसद की रक्षा संबंधी स्थायी समिति और गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य हैं।
चार साल पहले टोल प्लाजा पर हमले का लगा था आरोप
2019 में कठेरिया पर आगरा में एक टोल प्लाजा कर्मचारियों पर हमले से संबंधित एक मामले में मामला दर्ज किया गया था। विधायक के गार्ड्स ने कथित तौर पर टोल प्लाजा कर्मचारियों की पिटाई की और हवा में गोलियां चलाईं। यह हमला टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। लेकिन भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने ही उनके सुरक्षा गार्डों पर हमला किया था, जिससे उन्हें आत्मरक्षा में गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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