Tanya Soni Death Story Delhi Coaching Accident: राव IAS के बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन छात्रों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। हादसे से जुड़े नए खुलासे रोज सामने आ रहे हैं। मगर कुछ सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल सके हैं। मसलन बेसमेंट में अचानक इतना पानी कैसे भरा? पानी भरने से पहले बेसमेंट में कितने बच्चे मौजूद थे? क्या उन्होंने खुद को बचाने या बाहर निकलने की कोशिश नहीं की? आखिर बच्चे बेसमेंट में कैसे फंस गए? इन सभी सवालों के जवाब मिल चुके हैं। जी हां, बेसमेंट में मौजूद एक छात्र ने हादसे का आंखों देखा हाल बयां किया है।
ऋषभ ने सुनाया आंखों देखा हाल
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद के रहने वाले ऋषभ भी हादसे के दौरान बेसमेंट में मौजूद थे। 27 जुलाई की शाम ऋषभ भी उन बच्चों में शामिल थे, जो पानी भरने के दौरान बेसमेंट में फंस गए थे। यही नहीं, हादसे में जान गंवाने वाली तान्या सोनी, ऋषभ की बैचमेट थी और दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे। उस शाम हादसे के दौरान लाइब्रेबी में क्या-क्या हुआ? ऋषभ ने जो कुछ भी बताया उसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़ो हो जाएंगे।
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कोचिंग हादसे में जान गंवाने वाले तीनों छात्र- श्रेया यादव, तान्या सोनी और नवीन डालविन
तान्या ने दी हिम्मत
ऋषभ के अनुसार उस समय लाइब्रेबी में 25-30 बच्चे थे। 10-12 बच्चे दरवाजे के पास थे, इसलिए पानी भरता देखकर वो बच्चे तुरंत बाहर निकल गए। मगर हम 15 लोग अंदर लाइब्रेरी में फंस गए। सीढ़ियों पर पानी का बहाव काफी तेज था। ऐसे में आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। उस समय तान्या ने हम सबको हिम्मत दी। तान्या ने हम सभी से कहा कि पैनिक मत करो। हम सब बच जाएंगे। तान्या ने हमें एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर चेन बनाने की सलाह दी। जिससे हम बाहर निकल सकें। हालांकि चेन बनाते ही पानी का बहाव इतनी तेज हुआ कि हमारा हाथ छूट गया।
मेज पर खड़ी थीं तान्या और श्रेया
ऋषभ ने आगे बताया कि पानी का तेज बहाव देखकर तान्या और श्रेया एक मेज पर खड़ी हो गईं। मैंने किसी तरह हिम्मत दिखाई और सीढ़ियों के रास्ते चढ़कर बाहर आ गया। जब मैं आधी सीढ़ी चढ़ा तो एक कर्मचारी ने मेरी तरफ हाथ बढ़ाया और मुझे ऊपर खींच लिया। जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो तान्या और श्रेया सीढ़ियों पर नहीं थीं। शायद वो दोनों पानी के तेज बहाव के डर से मेज पर ही खड़ी रह गईं। हालांकि नवीन भी अंदर फंसा है, इसकी हमें जानकारी नहीं थी। शायद उस समय वो टॉयलेट में था। इसलिए नवीन हमें वहां नहीं दिखा।
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कोचिंग हादसे में जान गंवाने वाली छात्रा तान्या सोनी।
बच सकती थी उनकी जान
ऋषभ का कहना है कि हमारा दोस्त नकुल बेसमेंट से बाहर आने वाला आखिरी छात्र था। उसने आकर हमें बताया कि तान्या और श्रेया अभी भी अंदर हैं। कोचिंग के कर्मचारियों ने सतर्कता नहीं दिखाई, वरना उनकी जान बचाई जा सकती थी। मुमकिन है कि मरने वालों छात्रों की संख्या अधिक हो। मगर हमें सिर्फ 3 मौतों के बारे में बताया जा रहा है।