हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल डे (World Oral Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को अपने दांतों, मसूड़ों और मुंह की सेहत के प्रति जागरूक करना है। यह खास दिन न केवल ओरल हाइजीन के महत्व को बताता है, बल्कि यह भी बताता है कि हमारा मुंह हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी होता है। इस साल वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे की थीम है- A Happy Mouth is… A Happy Mind, जो इस बात पर जोर देती है कि ओरल हेल्थ और शारीरिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
क्यों खास है यह दिन?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में करीब 3.5 अरब लोग किसी न किसी ओरल हेल्थ से प्रभावित हैं। दांतों में सड़न, मसूड़ों की बीमारी, और मुंह का कैंसर जैसी समस्याएं न केवल दर्द और परेशानी का कारण बनती हैं, बल्कि ये समस्याएं डायबिटीज, हृदय रोग और रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स से भी जुड़ी हुई हैं। भारत जैसे देश में जहां ग्रामीण इलाकों में डेंटल प्रॉब्लम्स की सुविधाओं की कमी और जागरूकता का अभाव है, वहां यह दिन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।
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Oral Health में भारत कितना सक्षम?
नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम (NOHP) के तहत हाल के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 60-65 फीसदी लोग दांतों की सड़न की समस्या से पीड़ित हैं, जबकि 50 फीसदी से अधिक वयस्कों में मसूड़ों की बीमारी पाई जाती है। बच्चों में भी यह समस्या बढ़ रही है, खासकर मीठे फूड्स और खराब ब्रशिंग के तरीकों के चलते। वहीं, ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) की एक स्टडी के मुताबिक, ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं दुनिया की सबसे कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स में से एक हैं। मगर फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है।
2025 की थीम क्या?
इस साल की थीम “A Happy Mouth is… A Happy Mind” है। यह संदेश इस बात पर जोर डालती है कि ओरल हाइजीन केवल दांतों को चमकाने तक सीमित नहीं है। हेल्दी ओरल हाइजीन आत्मविश्वास को बढ़ाता है, सामाजिक जीवन को बेहतर बनाता है और कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मसूड़ों की सूजन को अगर अनदेखा किया जाए, तो यह खून के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
एशियन हॉस्पिटल के डेंटल विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर जुल्फिकार हफीज कहते हैं, लोग अक्सर दांतों की सफाई को हल्के में लेते हैं, लेकिन यह हमारी ओवरऑल हेल्थ की नींव है। दिन में दो बार ब्रश करना, फ्लॉसिंग और नियमित डेंटल चेकअप से 80% Dental Problems से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही जंक फूड और शुगरी ड्रिंक्स का सेवन घटाकर भी हम अपने दांतों और शरीर दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं।
गर्भवती महिलाएं और बच्चे ध्यान रखें ये बातें
महिलाओं को गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव की वजह से मसूड़ों में सेंसिटिविटी बढ़ सकती है। ऐसे में उन्हें फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल और धूम्रपान से परहेज करना चाहिए, क्योंकि खराब ओरल हेल्थ समय से पहले डिलीवरी और कम वजन वाले बच्चे पैदा होने का कारण बन सकता है। वहीं, बच्चों को छोटी उम्र से ही ब्रश करने की सही आदत डालें। मीठे स्नैक्स की जगह उन्हें फल और सब्जियों को खाने की आदत दें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।