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World Hepatitis Day: बच्चों को नहीं अब व्यस्कों को हो रहा हेपेटाइटिस-A, प्रेग्नेंट महिलाओं को भी कम नहीं रिस्क

World Hepatitis Day: हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है चलो इसे तोड़ दें, यानी इसे खत्म कर दें। हेपेटाइटिस की बीमारी को साल 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है, मगर क्या यह संभव है? आइए जानते हैं नई स्टडी में इस पर क्या कहा गया है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 27, 2025 13:09

World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस लिवर की गंभीर बीमारी होती है, जो अगर एकबार हो जाए तो उसका निदान नहीं किया जा सकता है। इसका कारण है कि इस रोग को रिवर्स करने का इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। हालांकि, इस बीमारी के कई सब वेरिएंट्स होते हैं जो अलग-अलग तरह से फैलते हैं। इन सभी वेरिएंट्स की गंभीरता भी अलग होती है। अबतक हेपेटाइटिस के B और C को सबसे ज्यादा गंभीर माना जाता था, मगर अब हेपेटाइटिस के A वेरिएंट को भी गंभीर माना जाने लगा है। आइए जानते हैं इस बारे में।

मुंबई-पुणे में बढ़ रहे मरीज

मुंबई और पुणे शहर में पिछले कुछ समय से हेपेटाइटिस ए के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। BMC द्वारा सर्वे किया गया जिसमें लिवर की बीमारियों जैसे कि लिवर कैंसर, लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियोर के मामले युवाओं में सबसे ज्यादा देखे गए हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण जो मिला है वह हेपेटाइटिस A था। इस सर्वे में लगे ग्रुप के सदस्य डॉ. आकाश शुक्ला बताते हैं कि लिवर की बीमारियां जो दुर्लभ थी अब इस क्षेत्र में हेपेटाइटिस के अनियंत्रित तरीके से बढ़ने की वजह से हो रही हैं।

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ये भी पढ़ें-हेपेटाइटिस की बीमारी में कौन सा अंग होता है डैमेज, क्या है लक्षण, ऐसे करें बचाव

अन्य एक्सपर्ट क्या बोले?

इस स्टडी में शामिल अन्य डॉक्टर, डॉ.आभा नागरल बताती हैं कि यह सर्वे गंभीर परिणामों के बारे में बताता है क्योंकि हेपेटाइटिस ए जो पीलिया के रूप में बच्चों को ज्यादा होता था मगर अब युवाओं में हो रहा है, जो गंभीर है। इसके पीछे कारण यह भी हो सकता है कि बचपन में उन्हें हेपेटाइटिस का वैक्सीन नहीं दिया गया जिस वजह से उनमें इसके प्रति इम्यूनिटी नहीं बन पाई।

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हेपेटाइटिस सी में कमी और बी कहां?

हेपेटाइटिस सी और बी सबसे ज्यादा गंभीर हेपेटाइटिस के प्रकार होते हैं। इसमें शरीर का खून संक्रमित होता और लिवर कैंसर की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसलिए, इसकी रोकथाम बहुत जरूरी होती है। मगर एक्सपर्ट बताते हैं कि हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या कम हुई है और बी अब भी पहले जितना एक्टिव है। मगर हेपेटाइटिस-ए चिंताजनक स्थिति बना रहा है।

इन लोगों को सबसे ज्यादा रिस्क

डॉक्टरों की टीम ने बताया है कि हेपेटाइटिस से कैंसर की भी संभावनाएं बढ़ने लगी हैं। वहीं, गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में ले रहा है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, हेपेटाइटिस से साल 2022 के बाद 9,000 ज्यादा मामले मिले जिनमें 23,000 गर्भवती महिलाएं थीं। साल 2021 में हेपेटाइटिस से लोगों ने लिवर ट्रांसप्लांट भी बड़ी संख्या में करवाया था।

गर्भवती महिलाओं में हेपेटाइटिस के लक्षण और कारण

हेपेटाइटिस से पीड़ित महिलाओं में सबसे आम संकेत आंखों और पेशाब का रंग पीला दिखना था। बीमारी का कारण बाहर का खाना खाना पाया गया था। इस पर डॉक्टर नितिन गुप्ता ने बताया है कि हेपेटाइटिस बरसात में होने वाली बीमारी है क्योंकि इस मौसम में दूषित पानी और खाना खाने की वजह से संक्रमण दर बढ़ जाती है। इसलिए, लोगों को इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

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First published on: Jul 27, 2025 01:09 PM

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