Wheat Atta Roti Side Effects: गेहूं का आटा भारतीय डाइट का अहम हिस्सा है, और अधिकतर लोग इसे रोजाना खाते हैं। हालांकि गेहूं का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन अगर इसे पूरे साल लगातार, अत्यधिक मात्रा में खाया जाए तो इसके कुछ गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं। गेहूं के आटे की रोटी हमारे लिए स्टेपल फूड हो सकता है, मगर यह सेहतमंद है और रोज खाई जा सकती है, इस बात पर अब भी हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय मेल नहीं खाती है। गेहूं सेहतमंद है लेकिन डायबिटीज और ग्लूटेन इनटेक को बढ़ा सकता है, जो शरीर के लिए भारी नुकसान है। आचार्य मनीष भी कुछ ऐसा ही मानते हैं। रिपोर्ट में जानते हैं, गेहूं के आटे की रोटी खाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं और इसके बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं?
आचार्य मनीष क्या कहते हैं?
आचार्य मनीष, एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं, जो लोगों के साथ सात्विक जीवन और एलोपैथी से दूर रहने और आयुर्वेद को अपनाने के फायदे और तरीके शेयर करते रहते हैं। हाल ही में आचार्य मनीष ने लेटेस्ट पॉडकास्ट शो में बताया है कि गेहूं के आटे की रोटी पूरे साल खाई जाने वाली नहीं है। गेहूं को 12 महीने खाने का चलन भारत का नहीं है। अपने देश में मौसम और महीने के अनुसार अलग-अलग अनाजों का सेवन किया जाता था, जैसे-सर्दियों में मक्का और बाजरा खाया जाता था। गेहूं को कुछ महीने खाया जाता था, तब अन्य अनाजों की खपत कम होती थी।
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गेहूं के आटे की रोटी खाने के नुकसान
1. पाचन की समस्याएं
गेहूं में ग्लूटेन होता है, जो कुछ लोगों के लिए पचाना मुश्किल होता है। यदि आप ग्लूटेन इनटॉलरेंस या सीलीयक डिजीज से पीड़ित हैं, तो गेहूं का आटा आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप लोगों ने लंबे समय तक गेहूं के आटे की रोटियां खा लेते हैं, तो पेट में सूजन, गैस, और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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2. डायबिटीज
गेहूं के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी हाई होता है, यानी यह शरीर में तेजी से ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। यदि आप रोजाना इस आटे की रोटी का सेवन करते हैं, तो आपको टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
3. वजन बढ़ना
गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट्स की अच्छी खासी मात्रा होती है, जो शरीर में एनर्जी के रूप में जमा हो सकती है। लगातार गेहूं का आटा खाने से शरीर में कैलोरी का इनटेक भी बढ़ सकता है, जिससे शरीर में फैट जमा होने लगता है। यदि आप अपनी शारीरिक गतिविधियों को कम करते हैं, तो इससे वजन बढ़ना संभव है।
4. हृदय रोग
बारहों महीने लगातार गेहूं का आटा खाने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर लेवल प्रभावित हो सकता है, जो लंबे समय में हृदय रोगों का जोखिम भी बढ़ा सकते हैं। दरअसल, गेहूं के आटे में फाइटिक एसिड नाम का एक तत्व होता है, जो हमारी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होता है। इसकी मौजूदगी से मिनरल्स का अवशोषण प्रभावित होता है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों को बढ़ाता है।
5. कुपोषण
कभी सोचा था कि गेहूं के आटे में पोषक तत्व मौजूद होने के बावजूद भी यह इंसानों को कुपोषण का शिकार बना सकता है? मगर यह सच है कि अगर हम पूरी तरह से गेहूं के सेवन पर आधारित हो जाते हैं और अन्य अनाजों से दूरी बनाते हैं, तो शरीर में विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन की कमी हो सकती है। इससे खासकर बच्चों और बुजुर्गों में ग्रोथ और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
गेहूं के आटे के बेस्ट रिप्लेसमेंट
- बेसन के आटे की रोटी खा सकते हैं।
- मक्के के आटे की रोटियां सर्दियों में खाई जा सकती हैं।
- बाजरा का आटा भी फायदेमंद है।
- रागी के आटे की रोटी खा सकते हैं।
- मिलेट्स के आटे की रोटियां सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।