Insulin Resistance: इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है जो ब्लड शुगर लेवल्स को रेग्यूलेट करता है. जब शरीर इंसुलिन से सही तरह से रिस्पोंड नहीं करता तो ब्लड ग्लूकोज लेवल्स या ब्लड शुगर लेवल्स (Blood Sugar Levels) बढ़ने लगते हैं. जब हम कुछ खाते हैं तो खाना शुगर में ब्रेक होता है और यह शुगर खून में सर्कुलेट होने लगती है. खून में शुगर बढ़ने पर पैनक्रियाज इंसुलिन रिलीज करता है और इंसुलिन शुगर को बॉडी की बाकी सेल्स तक पहुंचाता है जिससे शुगर का इस्तेमाल सेल्स एनर्जी के लिए करती हैं. इससे शुगर लेवल्स कंट्रोल में आ जाते हैं. लेकिन, इंसुलिन रेजिस्टेंस में इंसुलिन ठीक तरह से काम नहीं कर पाता और शुगर लेवल जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में इंसुलिन रेजिस्टेंस को समय रहते पहचानना जरूरी है. AIIMS से ट्रेंड न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि किन 2 लक्षणों से पहचाना जा सकता है कि शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस हो रहा है.
इंसुलिन रेजिस्टेंस के साइन | Signs Of Insulin Resistance
गर्दन पर निशान – डॉक्टर ने बताया कि इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर गर्दन पर निशान नजर आने लगते हैं. इसे एकैंथोसिस नाइग्रिकैंस कहते हैं. इससे गर्दन पर काले रंग (Dark Neck) के निशान या लकीरें दिखती हैं. यह इंसुलिन रेजिस्टेंस पहचानने का एक स्ट्रोंग साइन है.
मेटाबॉलिक सिंड्रोम – अगर आपको हाई बीपी, ट्राइग्लाइसेराइड्स, हाई शुगर, एचडीएल कम होना या कमर के फैलने जैसी दिक्कतों में से अगर कोई 3 दिक्कतें भी हो रही हैं तो आपको मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है. ये मेटाबॉलिक सिंड्रोम इंसुलिन रेजिस्टेंस का साइन हो सकता है.
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इंसुलिन रेजिस्टेंस ना हो इसके लिए क्या करें
शरीर को हिलाते-डुलाते रहना जरूरी है. रोजाना एक्सरसाइज की जाए तो इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस नहीं होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस हो रहा है तो यह कम होने लगता है. कम से कम रोज 30 मिनट एरोबिक्स करें.
- आप रोजना वॉक कर सकते हैं.
- एरोबिक्स करें, जॉगिंग करें और रनिंग करें.
- रोज स्विमिंग की जा सकती है.
- जुम्बा भी किया जा सकता है.
- ट्रेडमिल पर चलें या साइक्लिंग करें.
खानपान का ध्यान रखना भी है जरूरी
इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने के लिए अपने खानपान का खास ख्याल रखें. डाइट में नॉन-स्टार्ची फूड्स को शामिल करें, फल खाएं, पूर्ण अनाज खाएं क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा भरपूर होती है और लीन प्रोटीन का सेवन करें जिससे ब्लड शुगर लेवल कम होने में मदद मिलती है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
बढ़े हुए वजन को कम करने, स्ट्रेस को मैनेज करने यानी तनाव कम करने और पूरी नींद लेने पर इंसुलिन रेजिस्टंस कम हो सकता है.
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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.