Patanjali News: यूरिक एसिड अगर शरीर में बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो यह खून में भी जमा होने लगता है। अगर खून में इसकी मात्रा बढ़ती है तो कई गंभीर रोग आपको हो सकते हैं। इससे गठिया की बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। साथ ही किडनी की फिल्टर करने की क्षमता भी धीमी हो जाती है। ऐसे में आपको दवा खाने की सलाह दी जाती है। मगर एलोपैथी दवाएं ऐसी मेडिसिन्स होती हैं, जो बीमारी के प्रभाव को कम करती है। उन्हें जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार करवाने की सलाह दी जाती है।
पतंजलि बेहतर विकल्प क्यों?
आयुर्वेदिक उपचारों में अगर सबसे ऊपर कोई है तो वह पतंजलि है। पतंजलि इकलौता ब्रांड है जिसने ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में हर्बल ट्रीटमेंट को फैलाया है। पतंजलि के दिव्य अश्वगंधा पाउडर के सेवन से हम यूरिक एसिड की समस्या को दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस जड़ी-बूटियों वाले पाउडर के बारे में।
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क्यों खास है पतंजलि का दिव्य अश्वगंधा पाउडर?
पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन, हरिद्वार में कंपनी का विशालकाय प्लांट स्थित है। यह कंपनी का बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने स्थापित की है। इनकी रिसर्च लैब्स में कई प्रकार की दवाओं पर टेस्टिंग और निर्माण किया जाता है। अश्वगंधा पाउडर को भी यहीं तैयार किया गया है। इसे बनाने के लिए कंपनी ने शुद्ध तरीके से अश्वगंधा की खेती की है। यह एक जड़ी-बूटी है। इसके डंठलों को साफ करके पीसा जाता है और पाउडर तैयार किया जाता है। बता दें कि अश्वगंधा भारत की सबसे प्रसिद्ध औषधियों में से एक है।
कैसे करें सेवन?
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक हमें अश्वगंधा के चूर्ण को दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए। इसे आप गुनगुने दूध या गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। अगर गठिया के मरीज हैं, तो गाय के देसी घी के साथ इसे खा सकते हैं। अश्वगंधा पाउडर का सेवन करने से कमर दर्द और नींद की समस्या में भी राहत मिलती है।
अश्वगंधा पाउडर के अन्य लाभ
- इस पाउडर को नियमित रूप से खाने पर मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है।
- अश्वगंधा पाउडर के सेवन से आपको पाचन की समस्या नहीं होगी।
- अश्वगंधा पाउडर स्टेमिना बूस्ट करता है।
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