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हेल्थ

International Yoga Day 2025: गठिया से राहत पाने के लिए रोज करें ये योग अभ्यास, मिलेगा आराम

International Yoga Day 2025: योग करने से हमारी ओवरऑल हेल्थ में काफी लाभ होता है। क्या आप जानते हैं अलग-अलग योगासनों की मदद से हम गठिया की बीमारी में राहत पा सकते हैं? इंटरनेशनल योगा डे के अवसर पर जानिए कौन-कौन से योग करना फायदेमंद होता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 10, 2025 15:42

International Yoga Day 2025: बीमारियां भी हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं। वैसे तो यह कोई अच्छी चीज नहीं है, लेकिन मानव जीवन में यह सभी समस्याओं को भी समय-समय पर झेलना पड़ता है। हां, हम बीमारियों से बचने के लिए जरूर कुछ न कुछ कर सकते हैं, जैसे कि योग। योग ऐसी फिजिकल एक्टिविटी है, जो भारतीय सभ्यता की प्रमुख पहचान है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि योग को संपूर्ण विश्व में फैलाने का काम भारत देश का ही है। हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस साल भी भारत में योग दिवस की जोरदार तैयारियां चल रही है,। पीएम मोदी ने योगा दिवस के इस साल की थीम की घोषणा भी कर दी है।

गाउट उर्फ गठिया की बीमारी हड्डियों से जुड़ी गंभीर समस्या है, जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से होती है। गाउट में पैरों और जोड़ों में तेज और असहनीय दर्द होता है। आज हम आपको हमारी रिपोर्ट में बताएंगे कि गाउट की समस्या में कौन-कौन से योगासन करने चाहिए।

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इन योगासनों की मदद से दूर करें गठिया

1. पवनमुक्तासन

इस आसन को करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है, जिससे गैस की समस्या भी नहीं होती है। गठिया के मरीजों को इसे रोज करना चाहिए ताकि आपको मल त्याग में आसानी हो और यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा न बढ़े।

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2. वज्रासन

गठिया से पीड़ित लोगों को वज्रासन करना भी फायदेमंद साबित होगा। ये क्रिया पाचन सुधारती है और जोड़ों के दर्द में राहत देती है। अगर रोज खाने के बाद नियमित रूप से 5-10 मिनट वज्रासन क्रिया को किया जाए, तो समस्या कम हो सकती है।

3. ताड़ासन

यह सबसे सरल आसनों में से एक है, जिसे हर कोई कर सकता है। ताड़ासन ऐसी क्रिया है, जो यूरिक एसिड को तो कम करेगा ही, बल्कि यह मांसपेशियों को भी मजबूती देता है। इस मुद्रा को करने से शरीर लचीला होता है। इसमें आपको गहरी सांसें लेनी होती हैं।

4. पश्चिमोत्तानासन

इस क्रिया में आपको बैठकर पैरों को सीधा रखना है और फिर शरीर को आगे की तरफ पुश करना होता है। इसके लिए आपको अपने पैरों के अंगूठे को टच करना होता है, ताकि क्रिया सही से हो सके। यह मुद्रा मेटाबॉलिज्म को स्ट्रॉन्ग करती है और तनाव को कम करती है।

5. सेतु बंधासन

यह मुद्रा रीढ़, घुटनों और कूल्हों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसे रोज करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है। इस आसन को करने से शरीर से बैड टॉक्सिन्स भी रिलीज होते हैं।

6. अर्ध मत्स्येन्द्रासन

यह घुमावदार और ट्वीस्टेड बॉडी पॉश्चर वाला आसन रीढ़ और जोड़ों की जकड़न को दूर करता है। यह थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन गठिया के लक्षणों को कम करने में सबसे ज्यादा मदद करता है। यह बॉडी के मेटाबॉलिज्म को भी स्ट्रॉन्ग करता है।

7. प्राणायाम

सांस लेने वाली यह क्रिया मानसिक तनाव को घटाती है, जिससे सूजन और दर्द दोनों में राहत मिलती है। अगर रोजाना इसे कुछ देर के लिए किया जाता है, तो इससे स्ट्रेस भी कम होता है। प्राणायाम करने से यूरिक एसिड की प्रॉब्लम कम होती है।

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First published on: Jun 10, 2025 01:54 PM

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