Donald Trump Disease: अगर आपके पैरों में भी बिना किसी चोट के सूजन बार-बार आ रही है या टखनों के आसपास नीले-से निशान उभरते दिखाई दे रहे हैं और चलते समय लंगड़ाने जैसी स्थिति बन रही है तो सावधान हो जाइए, यह कोई मामूली थकान का लक्षण नहीं है बल्कि गंभीर नसों की बीमारी का संकेत है। जी हां, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बीमारी के बारे में व्हाइट हाउस ने बताया है। उनके शरीर में नीले निशान, टखनों में सूजन और पैरों में गंभीर दर्द जैसी समस्या हो रही है। इस बीमारी का नाम CVI यानी क्रोनिक वेनस इन्सफिशिएंसी है। इसमें मरीज को अत्यंत दर्द का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
क्या बोले डॉक्टर?
ट्रंप की बीमारी को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। यह बीमारी कितनी खतरनाक है और इसके बारे में कैसे पता लगाया जा सकता है, क्यों होती है इन सभी सवालों के जवाब दिए डॉ. बंसल ने। आकाश हेल्थकेयर के सीनियर कंसल्टेंट और चीफ ऑफ इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर अभिषेक बंसल ने बताया कि हमें ऐसे संकेतों को एक चेतावनी की तरह लेना चाहिए। टखनों में सूजन की समस्या को आप बाहर से शायद गंभीर नहीं मान रहे होंगे, लेकिन यह अंदरुनी रूप से बढ़ रही होती है, जो एक समय के बाद बहुत ज्यादा तकलीफ देने लगती है। इस स्थिति में बीमारी से बचाव बहुत मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने बताया कि अक्सर हमारी बॉडी शुरुआती समय में ऐसी चीजों को समझने में देर कर देती है लेकिन जब भी दर्द, पैरों के टखनों की सूजन या लंगड़ाने की स्थिति आपको हफ्ते में 2-3 या उससे ज्यादा महसूस होने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। ये गंभीर वैस्कुलर डिजीज का शुरुआती संकेत होता है।
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क्यों होती है ये बीमारी?
एक्सपर्ट के मुताबिक, सीवीआई उम्र से जुड़ी एक आम बीमारी होती है, जिसमें पैरों के वॉल्व खराब हो जाते हैं। कई बार इस बीमारी के पीछे पुरानी बीमारियों का इतिहास भी होता है, जैसे डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT), हार्ट फेलियर और किडनी की बीमारी। डॉक्टर के मुताबिक, हमें ट्रंप की तस्वीरों से देखकर खुद की बॉडी के बारे में अंदाजा नहीं लगाना चाहिए, यदि कोई भी समस्या है तो उसके लिए क्लीनिक जांच से ही पता लगाया जा सकता है। ऐसा करने से कई बार अन्य बीमारियों के बारे में भी पता लग जाता है।
दर्द क्यों होता है?
इसमें सूजन और दर्द का कारण होता है नसों में खून का जमना। दरअसल, हमारे पैरों की नसों में जो वॉल्व होते हैं वे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन के प्रोसेस को चलाते हैं। जब इन वॉल्व में खराबी हो जाती है, तो खून सर्कुलेट होने की जगह जमने लगता है। इसलिए, इसे खून जमने वाली बीमारी भी कह सकते हैं।
क्यों होते हैं वॉल्व खराब?
वॉल्व की खराबी से पैरों की बीमारी होती है। मगर वॉल्व खराब होने के भी कुछ फैक्टर्स हैं। इनमें प्रेग्नेंसी, ओबेसिटी या फिर लंबे समय तक खड़े रहने वाले काम शामिल होते हैं। दरअसल, इन स्थितियों में पैरों के ऊपर बहुत अधिक प्रेशर बनता है, जिससे वॉल्व डैमेज होते हैं। कुछ मामलों में सिगरेट और शराब के सेवन से भी परेशानी बढ़ सकती है।
क्रोनिक वेनस इन्सफिशिएंसी (CVI) के संकेत
- पैरों के निचले भाग में दर्द।
- पैरों के निचले हिस्से में सूजन।
- खड़े रहते समय दर्द होना, मगर लेटने में कोई दर्द न होना।
- शाम के समय धीरे-धीरे सूजन ज्यादा बढ़ना।
- पैरों में भारीपन, जकड़न और मांसपेशियों में खिंचाव होना।
- पैरों के निचले हिस्से का रंग बदलना।
- बीमारी लंबे समय तक होती है, तो घाव भी पैरों में होने लगते हैं।
क्या है इलाज?
डॉ. बंसल के अनुसार, इस बीमारी का समय पर इलाज करना जरूरी होता है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके इलाज के लिए कंप्रेशन थैरेपी, पैरों को ऊंचा रखना और एक्सरसाइज शामिल हैं। CVI की रोकथाम के लिए 70 वर्ष के बाद के बुजुर्गों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
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