Digital Dementia Symptoms: आजकल के इस डिजिटल दौर में ज्यादातर लोगों की दिन की शुरुआत मोबाइल के साथ होती है। हर समय नोटिफिकेशन चेक करने से लेकर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम को स्क्रॉल करना आदत में शुमार हो गया है। बड़े-बूढ़ों से लेकर बच्चे भी अपना समय स्क्रीन पर बिताने लगे हैं। हालांकि इस तरह की आदत से तनाव, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ये ही नहीं ज्यादा समय तक स्क्रीन देखने से डिजिटल डिमेंशिया का खतरा काफी हद तक बढ़ने लगा है, जिसके कारण आप दिमागी रूप से कमजोर हो सकते हैं। आइए डिजिटल डिमेंशिया क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है? जानते हैं।
क्या होता है डिजिटल डिमेंशिया?
लगातार मोबाइल, लैपटॉप या किसी डिजिटल उपकरण का इस्तेमाल करने से डिजिटल डिमेंशिया की बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के कारण दिमाग की क्षमता कम होने लगती है। दरअसल बहुत ज्यादा स्क्रीन देखने से आंखों पर दबाव पड़ता है जिससे याददाश्त, एकाग्रता और सीखने की क्षमता में गिरावट आने लगती है। इसकी वजह से नींद न आने की समस्या हो सकती है।
डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण
- याददाश्त में कमी
- एकाग्रता और सीखने की क्षमता में गिरावट
- भूलने की बीमारी
- फोकस करने में परेशानी
- चीजों का गलत तरीके से करना
- एक समय में कई सारे काम करना
- बातों को याद न रख पाना
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डिजिटल डिमेंशिया से बचाव के तरीके
- डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल कम करने से इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।
- रात के समय मोबाइल, लैपटॉप या टीवी नहीं देखना बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
- पर्याप्त नींद लेना और सोने का समय निर्धारित करना बेहद जरूरी है।
- तनाव दूर करने के लिए योग या ध्यान का अभ्यास करना।
- रोजाना एक्सरसाइज करने से सेहत को कई फायदे हो सकते हैं।
- सुबह की सैर करने से लेकर खेलकूद जैसी एक्टिविटी में शामिल होना।
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नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी को प्रदान करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।