कोरोना के बीते हुए 5 साल गुजर चुके हैं लेकिन आज भी लोगों के बीच कोविड-19 वायरस की बातें चलती रहती हैं। साल 2019 में इस वायरस ने दुनिया में अपने पैरे पसारे थे, जो चीन से आया था। हालांकि, साल 2018 के अंत और जनवरी के शुरुआती महीनों में यह आत्मघाती वायरस चीन में तबाही मचाने लगा था, धीरे-धीरे इसने अपने वायरस को पूरी दुनिया में फैलाया। आज भी लोग इस वायरस के दुनिया में आने के पीछे का रहस्य ढूंढ रहे हैं। दिल्ली के परमिंदर मल्होत्रा, जो 43 साल के हैं, वे भारत के कोरोना से पीड़ित सबसे पुराने और लंबे समय तक बीमार रहने वाले मरीज हैं। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि उन्हें आज भी कोरोना के चलते जीवन जीने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आज भी उन्हें अपनी बिल्डिंग में अपने घर तक, जो तीसरे फ्लोर पर है, वहां तक पहुंचते-पहुंचते सांस फूलने लगती है। दिवाली में वे ऑक्सीजन सिलेंडर के बिना सांस ले भी नहीं पाते हैं। चलिए जानते हैं कि परमिंदर के साथ ऐसा होने का क्या कारण है और इस पर डॉक्टर क्या कहते हैं।
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परमिंदर को क्यों हो रही हैं ये दिक्कतें?
परमिंदर, जो एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हुआ करते थे और हमेशा फील्ड वर्क करते थे, उन्हें अपने फेफड़ों की खराब सेहत के चलते आज इलेक्ट्रिकल एप्लायंस की दुकान चलानी पड़ रही है। दरअसल, परमिंदर को कोरोना वायरस के चलते गंभीर लंग इंफेक्शन हुआ है। उन्हें लगभग 2 सालों तक ऑक्सीजन सिलेंडर के भरोसे रहना पड़ा। पहले साल वे नियमित रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं वहीं, दूसरे साल उन्होंने सिलेंडर का इस्तेमाल कम किया, जबकि दिवाली के दौरान उन्हें फिर ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ गई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परमिंदर को अब भी एम्स के कोविड क्लिनिक में अपना ट्रीटमेंट करवाने के लिए नियमित रूप से जाना पड़ता है।

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क्या हुआ है परमिंदर को?
क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के प्रोफेसर और एचओडी डॉक्टर अनंत मोहन ने कोरोना पेशेंट्स को काफी करीबी से देखा है, उन्होंने कोरोना पर एक रिसर्च भी की है, जिसमें गंभीर मरीजों के बारे में भी बताया गया है, उनकी इस लिस्ट में परमिंदर भी शामिल थे। वे कहते हैं कि परमिंदर, जो सिगेरट भी नहीं पीते थे, हमेशा फिट रहते थे और अपने रोजमर्रा के कामों को आसानी से करते थे, उन्हें अचानक ऐसी गंभीर बीमारी होगी और इतने लंबे समय तक होगी, यह आश्चर्यजनक था। परमिंदर शराब भी कभी-कभी पीते थे। कोरोना वायरस के चलते उनके फेफड़ों में निशान और त्वचा सख्त हो गई थी। उनके फेफड़ों में सूजन के चलते वे सांस लेने में दिक्कत महसूस करते थे। दिवाली या जब भी दिल्ली का वातावरण खराब होता है, तो उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। उनके शरीर का ऑक्सीजन लेवल अब भी कई बार 80 से नीचे हो जाता है, खुली हवा में सांस लेने पर खून की पंपिंग भी प्रभावित होती है।
कैसे अपनी सुरक्षा कर रहे हैं परमिंदर?
डॉ. गरिमा श्रीवास्तव, जो एक और सीनियर डॉक्टर हैं, बताती हैं कि परमिंदर का केस उन्होंने भी क्लोजली फॉलो किया था। उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए समय-समय पर जांच करवानी चाहिए। नियमित रूप से ऑक्सीजन, बीपी और शुगर की जांच करते रहना चाहिए और सांस से संबंधित व्यायाम करने चाहिए। परमिंदर और उनके जैसे अन्य मरीजों को निमोनिया के लिए टीके लगवाने चाहिए और जरूरत पड़ने पर दवा में बदलाव या डोज में बदलाव करने चाहिए।
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