जब भी मौसम करवट लेता है तो लोगों के बीमार होने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। दरअसल, बदलता मौसम वातावरण और जलवायु में भी परिवर्तन कर देता है, जिस वजह से कुछ लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे तुरंत बीमार हो जाते हैं। इस समस्या को एलर्जी कहते हैं। एलर्जी किसी भी प्रकार की हो सकती है, जैसे कि स्किन या वायरल इंफेक्शन से संबंधित एलर्जी। इस तरह की एलर्जी चेंजिंग वेदर में बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है। इन बैक्टीरिया से ही सर्दी, खांसी, नाक में खुजली-छींकें और बुखार की समस्या होती है। आइए डॉक्टर से जानें जरूरी टिप्स।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जयपुर के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर एमके गुप्ता (Doctor M.K. Gupta) बताते हैं कि एलर्जी कोल्ड एंड कफ की प्रॉब्लम से काफी अलग होती है। एलर्जी किसी को किसी भी चीज से हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें इंसान का इम्यूनिटी सिस्टम किसी चीज को स्वीकारने की बजाय नेगलेक्ट करता है। क्योंकि हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को वह चीज हैवी लगती है, जिस वजह से ही बॉडी अलग रिएक्शन देती है। इसे एलर्जी कहा जाता है।
ये भी पढ़ें- नींद की कमी से बढ़ता है इन बीमारियों का रिस्क!
कॉमन फ्लू से कितना अलग?
कॉमन फ्लू एक वायरल इंफेक्शन होता है जो अमूमन कई लोगों को साथ हो जाता है। इस इंफेक्शन से एकसाथ काफी लोग प्रभावित होते हैं। फ्लू एक इंसान से दूसरे इंसान में तुरंत फैल सकता है। एलर्जी इंसान के शरीर में होती है। एलर्जी जरूरी नहीं है कि किसी एक समय या एक मौसम में हो, बल्कि एलर्जी ऐसी होती है जो किसी-किसी को पूरे साल होती है। एलर्जी ऐसी प्रॉब्लम है, जो हमारी बॉडी एक्सेप्ट नहीं कर पाती है।
Allergy कैसे होती है?
डॉक्टर कहते हैं कि एलर्जी होने का कोई एक नहीं, बल्कि कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि किसी को अगर छींकने वाली एलर्जी है, तो वह शख्स धूल-मिट्टी के संपर्क में आते ही छींकने लगेगा। परफ्यूम और किसी भी तेज खुशबू के संपर्क में आने से उसे छींक आ सकती है। यह इंसान को पूरे साल रहती है। एलर्जी एक और प्रकार की होती है, जिसे सीजनल एलर्जी कहते हैं, जो पर्टिकुलर किसी मौसम में होती है। सीजनल एलर्जी साल में दो बार होती है, पहला- फरवरी, मार्च और अप्रैल में यह एलर्जी होती है और दूसरी बार मानसून के मौसम यानी अगस्त-सितंबर में।
Seasonal एलर्जी के लक्षण कैसे?
- धूल-मिट्टी से आंखों में खुजली, पानी निकलना और लाल होना।
- धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से ही नाक में खुजली और छींकें आती हैं।
- गले में खराश होना, सूखी खांसी और खांसी आना।
- बुखार होना और शरीर में दर्द होना।
- सांस लेने में तकलीफ होना या सीने में भारीपन होना।
- स्किन में खुजली होना, लाल-लाल धब्बे होना और दाने निकलना।
कैसे करें बचाव?
सीजनल एलर्जी होने से बचाव के लिए आपको अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करने की जरूरत होती है। इसके लिए आपको अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त फूड्स को शामिल करना चाहिए। हाइड्रेशन का स्तर सही रखने के लिए पानी पिएं। साबुत अनाजों और फलों व सब्जियों को शामिल करें। व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें।
कुछ सावधानियां भी जरूरी
- मास्क पहनें।
- धूल-मिट्टी वाले इलाकों से दूरी बनाएं।
- अगर कोई भी इंफेक्शन हो रहा है, तो तुरंत घरेलू उपचार शुरू कर दें।
- स्टीम लेने से काफी लाभ मिलेगा।
- घर में भी साफ-सफाई का ख्याल रखें।
- बाहर का खाना न खाएं।
ये भी पढ़ें- Eye Symptom: आंखों में यह संकेत छीन सकता है देखने की शक्ति, डॉक्टर ने बताई वजह
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।