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हेल्थ

36 घंटे के उपवास का बॉडी को कितना फायदा? लिवर-किडनी समेत सभी अहम अंगों पर असर

उपवास करने से शरीर और सेहत को कई तरह के फायदे हो सकते हैं। अगर कोई 36 घंटों तक उपवास रखता है, तो न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी उसे फायदा हो सकता है। इतनी देर फास्टिंग करने से बॉडी डिटॉक्स होगी, फैट कम होगा और बॉडी सेल्स के काम में भी सुधार होगा। आइए जानते हैं इस पर हेल्थ एक्सपर्ट की राय और उपवास के बेनिफिट्स के बारे में।

Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Apr 2, 2025 08:27
Fasting Tips
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अपने देश में उपवास के प्रति लोगों की आस्था गहरी है। यहां लोग व्रत-आदि का पालन किसी न किसी धार्मिक परिपेक्ष्य से करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं उपवास रखने के साइंटिफिक कारण भी मौजूद है। कई रिसर्च में पाया गया है कि अगर हफ्ते में 1 या 2 दिन की फास्टिंग करने से हमारी आउटर और इंटरनल बॉडी को लाभ मिलता है। इससे हमारी फिजिकल और मेंटल ग्रोथ होती है। फास्टिंग करने से गट हेल्थ सुधरती है और फास्टिंग से ऑर्गन्स की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है। कई बड़े सेलिब्रिटीज और पॉलिटिशियन भी उपवास रखते हैं, ताकि स्वस्थ रह सके। खुद पीएम मोदी भी उपवास के फायदों के बारे में देशवासियों को बता चुके हैं। फास्ट अलग-अलग समय प्रणाली के हिसाब से होते हैं। हालांकि, आपने कई उपवासों के बारे में पढ़ा या जाना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं अगर कोई इंसान 36 घंटों की लंबी फास्टिंग करता है, तो उसे क्या-क्या फायदे मिलेंगे? आइए रिपोर्ट में जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट से।

जान लें 36 घंटे उपवास के फायदों के बारे में

36 घंटे उपवास करने के बाद शरीर अपने अंदर पहले से स्टोर फैट की मदद से काम करता है, जो वेट लॉस भी करता है।

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36 घंटे फास्ट रखने से हमारा शरीर ग्लूकोज के एनर्जी सोर्स से खुद को रिप्लेस कर फैट से ऊर्जा लेता है। इससे फैट बर्निंग आसानी से होती है।

इस उपवास को करने से आपते पुराने और डैमेजड सेल्स नष्ट होते हैं और नए-हेल्दी सेल्स बनते हैं।

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मेंटल हेल्थ को भी सुधारें। ऐसे उपवास करने से माइंड रिलैक्स होता है, स्ट्रेस कम करता है।

36 घंटे फास्ट रखने के बाद हमारा गट हेल्थ भी सही रहती है, जिससे डाइजेशन नहीं बिगड़ता है।

शरीर से सूजन, फूड क्रेविंग्स और बॉडी का ग्रोथ हार्मोन लेवल भी इंक्रीज होता है।

36 घंटे उपवास करने से हमारे शरीर के अंदरुनी अंगों को भी फायदा होता है, जैसे कि लिवर और किडनी।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

हरियाणा की फिटनेस इंफ्लूएंसर सोनिया हुड्डा बताती हैं कि 36 घंटे का फास्ट रखने से हमारा शरीर पॉजिटिव रिजल्ट देगा और उस हिसाब से ही रिएक्ट भी करेगा। एक्सपर्ट के अनुसार, अपने देश में एकादशी या नवरात्रि के नौ दिनों वाले उपवास लंबे-लंबे समय के होते हैं जो कि फायदेमंद ही होते हैं। यह कोई नया तरीका भी नहीं है, जिसे हम अपनाएं। फास्ट रखने से हमारी बॉडी सेल्फ रिपेयरिंग मोड में चली जाती है। शरीर मसल्स को रिपेयर करना शुरू कर देता है। इस फेज को ऑटोफेजी प्रोसेस कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी 36 घंटों के उपवास से मिलने वाले फायदों के बारे में बता चुके हैं और वे खुद भी इस उपवास को रखते हैं। ऋषि सुनक के मुताबिक, यह उपवास उनके मेटाबॉलिज्म को स्ट्रॉन्ग करता है और शरीर को डिटॉक्स भी करता है।

क्या है Autophagy प्रोसेस?

ऑटोफेजी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर खुद को डिटॉक्स करने की क्षमता बढ़ाता है और पुरानी सेल्स को नष्ट कर नए सेल्स का निर्माण करता है। यह प्रोडक्शन तब होता है, जब हम खाना नहीं खाते हैं। ऑटोफेजी से बीमारियों से बचाव होता है, आयु बढ़ती है और वेट लॉस भी होता है। Autophagy प्रोसेस के कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज से लेकर न्यूरो प्रॉब्लम से भी बचा जा सकता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

First published on: Apr 02, 2025 08:27 AM

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