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गैर हिंदू-रोहिंग्या मुसलमानों का आना मना है… उत्तराखंड में गांव के बाहर लगे बोर्ड से मचा हड़कंप; क्या है वजह?

Uttarakhand Board Controversy: उत्तराखंड के कुछ गांवों के बाहर एक बोर्ड देखने को मिला है। इस बोर्ड को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। आखिर गांव वालों ने ऐसा बोर्ड क्यों लगाया? आइए जानते हैं इसकी वजह...

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 8, 2024 10:12
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Uttarakhand Boards banned non hindu and rohingya muslims

Uttarakhand News: उत्तराखंड के एक गांव के बाहर एक बोर्ड लगा है। इस बोर्ड पर चेतावनी लिखी है, जिसे पढ़कर हर कोई हैरान है। यह मामला रूद्रप्रयाग जिले का है, जिस पर लिखा है कि गैर हिंदुओं और रोहिंग्या मुसलमानों का गांव में प्रवेश वर्जित है। अगर वो ऐसा करते पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस बोर्ड की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आग की तरफ फैल गई हैं। कई मुसलिम संगठनों ने इसके खिलाफ आपत्ती दर्ज करवाई है। उनका कहना है कि अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

बोर्ड पर क्या लिखा है?

रूद्रप्रयाग में मौजूद एक गांव के लोगों ने मिलकर अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने गांव के बाहर वॉर्निंग बोर्ड लगाया है। इस बोर्ड पर लिखा है कि गैर हिंदू/रोहिंग्या मुसलमानों व फेरी वालों का गांव में व्यापार करना/ घूमना वर्जित है। अगर गांव में कहीं भी मिलता है तो दण्डात्मक व कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस बोर्ड की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंदू-मुसलमान मुद्दा एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है।

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कई गांवों ने लगाया बोर्ड

उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि लोकल पुलिस और खुफिया अधिकारियों को मामले की जांच सौंपी गई थी। रिपोर्ट में पता चला है कि एक-दो नहीं बल्कि कई गांवों के बाहर ऐसे बोर्ड लगे हैं। रूद्रप्रयाग सर्कल ऑफिसर प्रबोध कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी बोर्ड हटवकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

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सर्कल ऑफिसर ने उठाया कदम

प्रबोध कुमार का कहना है कि कुछ समय पहले हमें गांव के बाहर ऐसे बोर्ड लगने की जानकारी मिली। हमने सारे बोर्ड हटा दिए हैं। हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह बोर्ड किसने लगाए हैं? ऐसी हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कई गांवों के प्रधान के साथ हमारी बैठक हुई है। हमने सुनिश्चित किया है कि ऐसी हरकतें दोबारा नहीं होंगी।

ग्राम प्रधान ने बताई सच्चाई

न्यालसू के ग्राम प्रधान प्रमोद सिंह ने बताया कि शेरसी, गौरीकुंड, त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग, बरासु, जामू, अरिया, रविग्राम और मैखंडा गांव के बाहर भी ऐसे ही बोर्ड देखने को मिले हैं। यह बोर्ड गांव के लोगों ने मिलकर लगाए हैं। ग्राम पंचायत को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह बोर्ड लगाने का मकसद कुछ लोगों को गांव में आने से रोकना था। गांव वाले चाहते हैं कि पुलिस वैरिफिकेशन के बिना कोई भी अंजान शख्स गांव में ना घुसे।

क्या है बोर्ड लगाने की वजह?

प्रमोद सिंह के अनुसार गांव के ज्यादातर पुरुष काम के सिलसिले में सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रहते हैं। खासकर चारधाम यात्रा के दौरान पुरुष घर बहुत कम आते हैं। ऐसे में महिलाएं घरों में अकेले रहती हैं। कई फेरी वाले पुलिस वैरिफिकेशन और आईडी कार्ड के बिना ही गांव में रोज आते-जाते रहते हैं। अगर वो किसी घटना को अंजाम देंगे, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? घटना के बाद वो फरार हो जाएंगे और उन्हें ढूंढना मुश्किल हो जाएगा।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 08, 2024 10:12 AM

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