Census 2027 Explainer: जनगणना और जातिगत गणना होने जा रही है। रविवार को लंबी चली बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने सोमवार सुबह जनगणना अधिनियम 1948 के तहत जनगणना और जातीय गणना के लिए राजपत्र अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी कर दिया। जनगणना मोबाइल ऐप के जरिए होगी। आइए विस्तार से जानते हैं कि जनगणना और जातिगत गणना की प्रक्रिया कैसे चलेगी? कब तक चलेगी और इसमें मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा?
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कब जारी होगा डेटा?
जनगणना की पूरी प्रक्रिया 1 मार्च 2027 तक खत्म हो जाएगी, जो लगभग 21 महीनों में पूरी होगी। जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में जारी हो सकता है, जबकि डिटेल जारी होने में दिसंबर 2027 तक का समय लगेगा। इसके बाद साल 2028 से लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा। वैसे तो यह जनगणना साल 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते उसे टाल दिया गया था। यह 16वीं जनगणना है, जबकि आज़ादी के बाद 8वीं जनगणना है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और भारत के रजिस्ट्रार जनरल मृत्युंजय कुमार नारायण के अलावा कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे थे।
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कैसे होगी जनगणना?
गृह मंत्रालय की ओर से जनगणना के बारे में बताया गया है कि जनगणना मोबाइल ऐप से की जाएगी। डिजिटली सेंसस करने के लिए करीब 35 लाख कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। 1.3 लाख पदाधिकारी भी जनगणना में सहयोग करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्तूबर 2026 तक जनगणना चलेगी। देश के बाकी हिस्सों में 1 मार्च 2027 से जातियों की गणना और जनगणना शुरू होगी।
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कितने चरणों में होगी जनगणना?
मिली जानकारी के अनुसार देश में दो चरणों में जनगणना कराई जाएगी। इसमें सामान्य जनगणना के साथ-साथ जातीय जनगणना भी शामिल होगी। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से देश के बाकी राज्यों में प्रारंभ किया जाएगा। पहले चरण में मकान सूचीकरण, मकानों की गणना (एचएलओ), प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण (जनसंख्या गणना) में प्रत्येक घर के हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किए जाएंगे।
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आप खुद को कर सकेंगे रजिस्टर
जनगणना के लिए मोबाइल ऐप तैयार किए जाएंगे और उसी में जनगणना से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाएगी। ऐप 16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे। कमाल की बात है कि इसमें नागरिकों के लिए स्व-गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) की सुविधा भी उपलब्ध होगी। स्व-गणना में आप स्वयं अपने या अपने परिवार के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। इसमें किसी जनगणनाकर्ता का सीधे हस्तक्षेप नहीं होता है।