नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले में रुपये (Rupee vs Dollar) में गिरावट का दौर बदस्तूर जारी है। रुपया लगातार गिरावट का अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड बना रहा है। आज एकबार फिर रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया एकबार फिर अबतक के अपने सबसे निचले स्तर (Rupee at Record Low) पर पहुंचा गया है।
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आज (20 October) को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 83.08 रुपए पर खुला है। इससे पहले पिछले कारोबारी दिन बुधवार 19 अक्टूबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पैसे की कमजोरी के साथ 83.02 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
Rupee Hits a fresh record low, at 83.08 against US Dollar pic.twitter.com/QnXTZJeWHd
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 20, 2022
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने रुपये में लगातार जारी गिरावट पर लगाम लगाने के लिए पिछले दिनों कई कदम उठाए हैं, लेकिन नतीजा बहुत कम देखने को मिला है। रुपये लगातार कमजोरी के साथ कारोबार हो रहा है। इस साल डॉलर के मुकाबले रुपया अबतक करीब 12 फीसदी नीचे आ चुका है। गौरतलब है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के दो साल के निचले स्तर पर आने के बाद डॉलर की मांग और बढ़ रही है और रुपये की सुस्ती थमने का नाम नहीं ले रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होता है असर ?
आपको बता दें कि रुपये की कीमत इसकी डॉलर के तुलना में मांग और आपूर्ति से तय होती है। रुपया के गिरने का असर देश के आयात व निर्यात पर असर पड़ता है। इससे वह देश के आयात होने वाले सामानों का भुगतान करता है। रुपये के कमजोर होने से देश में आयात महंगा हो जाएगा। इससे कारण विदेशों से आने वाली वस्तुओं जैसे- कच्चा तेल, मोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स आदि महंगे हो जाते हैं। अगर रुपया कमजोर होता हैं तो विदेशों में पढ़ना, इलाज कराना और घूमना भी महंगा हो जाएगा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों बढ़ोतरी का नाकारात्मक असर
आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक रुपये पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने का नाकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। इन बाजारों से डॉलर की खरीद बढ़ने के चलते देश की करेंसी रुपया लाल निशान में फिसलता जा रहा है। इनके साथ ही अन्य एशियाई करेंसी की गिरावट से एशियाई बाजारों का रुझान पता चल रहा है जो इनके साथ भारतीय करेंसी रुपये के लिए भी गिरावट का कारण बन रही है।
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