Thursday, 25 April, 2024

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डिजिटल भुगतान पर शुल्क लेने का सही समय नहीं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार का मानना है कि डिजिटल भुगतान को चार्जेबल बनाने का यह सही समय नहीं है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा, ‘हम डिजिटल भुगतान को जनता की भलाई के रूप में देखते हैं। लोगों को इसे स्वतंत्र रूप से […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Aug 27, 2022 16:10
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार का मानना है कि डिजिटल भुगतान को चार्जेबल बनाने का यह सही समय नहीं है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा, ‘हम डिजिटल भुगतान को जनता की भलाई के रूप में देखते हैं। लोगों को इसे स्वतंत्र रूप से एक्सेस करने में सक्षम होना चाहिए ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण आकर्षक हो। साथ ही, डिजिटलीकरण के माध्यम से, हम पारदर्शिता का एक ऐसा स्तर प्राप्त करते हैं जिसकी इतनी आवश्यकता है।’

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मंत्री ने आगे कहा, ‘इसलिए, हमें अभी भी लगता है कि इसे चार्ज करने योग्य बनाने का यह सही समय नहीं है। हम खुले डिजिटल लेनदेन, डिजिटलीकरण और प्लेटफॉर्म की ओर अधिक से अधिक जोर दे रहे हैं जो प्रमुख पहुंच को सक्षम कर सकते हैं। आरबीआई की सिफारिश एक वर्किंग पेपर की है और वर्किंग पेपर को वहीं रहने दें।’

सीतारमण का बयान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भुगतान प्रणाली में प्रस्तावित विभिन्न परिवर्तनों पर जनता से प्रतिक्रिया मांगने की पृष्ठभूमि के बीच आया है। बता दें कि बीते दिनों रिजर्व बैंक ने ऐसा अंदेशा जताया था कि UPI ट्रांजेक्शन पर चार्ज काटा जाएगा।

रिजर्व बैंक ने इसे लेकर ‘डिस्कशन पेपर ऑन चार्जेज इन पेमेंट सिस्टम’ जारी किया था। इस प्रस्ताव पर टिप्पणियां मंगाई गई थी। बताया गया था रिजर्व बैंक पेमेंट सिस्टम्स के डेवलपमेंट और पेमेंट के सेटलमेंट के लिए तैयार की गई बुनियादी संरचना की लागत को वसूल करने के विकल्प तलाश रहा है।

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रिजर्व बैंक द्वारा जो पेपर जारी किए गए हैं उनमें यूपीआई को आईएमपीएस (IMPS) के समान एक फंड ट्रांसफर सिस्टम बताया गया है। ऐसे में यूपीआई के लिए भी आईएमपीएस की तरह फंड ट्रांसफर ट्रांजेक्शन पर चार्जेज लगने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। रिजर्व बैंक ने कहा था कि अलग-अलग अमाउंट के हिसाब से चार्जेज लगाए जा सकते हैं।

हालांकि, भारत सरकार ने पिछले हफ्ते भी घोषणा की थी कि वह यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) सेवाओं पर कोई शुल्क नहीं लगाएगी।

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First published on: Aug 27, 2022 02:23 PM

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