Mula-Mutha River: भारत की ऐसी नदी जो मुला और मुथा नदियों के संगम से बनती है। इस नदी का नाम मुला-मुथा नदी हैं। यह नदी भीमा नदी, कृष्णा नहीं और अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। मुला-मुथा नदी महाराष्ट्र के पुणे जिले के कावडी गांव से होकर बहती है। इस नदी में कई तरह के प्रवासी पक्षी आते हैं और अपनी प्यास बुझाते हैं।
बता दें कि अब ऐसा नहीं हैं इस नदी का जल प्रदूषित हो गया है, जिसके कारण पक्षियों का आना बंद हो गया है। आज इस खबर में मुला और मुथा नदी के संगम के बारे में बताने वाले हैं। आखिर इस नदी का संगम कैसे हुआ और क्या इसकी महत्व हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं।
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पुणे के इतिहासकार डॉ. पीके घणेकर नदी की पौराणिक कथा बताते हुए कहते हैं, पुराने समय में एक राजा गजनक थे। जो अपना जीवन यापन बड़े ही ऐसो आराम से गुजारा करते थें। राजशाही गतिविधियों के बाद राजा तपस्या करने का फैसला किया। उन्होंने पुणे के सह्याद्री पहाड़ पर तपस्या करने के लिए चले गए। राजा की तपस्या को देखकर देवताओं के राजा इंद्र परेशान हो गए और राजा की तपस्या भंग करने के लिए दो अप्सराओं को भेजा। दोनों अप्सरा राजा की तपस्या भंग करने लगी। तब राजा गजनक ने उन दोनों अप्सराओं को श्राप दिया कि इस समय मुला और मुथा नाम की नदियों में प्रवाहित हो जाए।
राजा की श्राप से दोनों अप्सराएं तुरंत ही नदी में प्रवाहित हो गई। तब दोनों अप्सराओं ने राजा के सामने क्षमा याचना की तब राजा ने कहा कि जब तक भीमा नदी से नहीं मिलती है, तब तक मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी। जैसे ही दोनों नदियां भीमा नदी में मिली तब जाकर उनको मोक्ष की प्राप्ति मिली।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।