---विज्ञापन---

आखिर चौराहे पर ही क्यों किए जाते हैं जादू-टोना, जानें शास्त्रीय नियम

Crossroad Astrology: ज्योतिष शास्त्रों में चौराहे को लेकर खास महत्व बताया गया है। मान्यता है कि चौराहे पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ऊर्जाओं का वास होता है। तो आइए इस खबर में जानते चौराहे के उपाय के बारे में।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Nov 11, 2023 19:24
Share :
Crossroad Astrology
Crossroad Astrology

Crossroad Astrology:  हिंदू धर्म में शास्त्र की मान्यता है बहुत ही अधिक है और शास्त्रों में चौराहे का खास महत्व बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चौराहे को दिव्य ऊर्जा का स्रोत माना गया है। साथ ही नकारात्मक ऊर्जाओं का केंद्र भी कहा जाता है। शास्त्रों में एक ओर चौराहे की पूजा का उल्लेख मिलता है, तो दूसरी ओर चौराहे पर किसी तरह के उपाय किये जाने का भी वर्णन किया गया है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि आखिर चौराहे पर ही क्यों टोने-टोटके किया जाता है। आखिर इसके पीछे का कारण क्या है। आइए विस्तार से जानते हैं।

चौराहे पर होता है दोनों ऊर्जाओं का स्त्रोत

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चौराहे पर सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जाओं का स्त्रोत उत्पन्न होता है, क्योंकि यह चार दिशाओं को एक साथ जोड़ता है। इसी कारण वश सात्विक और तांत्रिक दोनों लोग ही पूजा के लिए चौराहे को बहुत ही लाभकारी मानते हैं। ऐसे तो आज के समय में चौराहे वाली बात को लेकर अंधविश्वास समझा जाता है, लेकिन पहले के बड़े-बुजुर्ग लोग इस बात को बड़े ही गंभीरता को लेकर अभी भी मानते हैं। तो ऐसे वे लोग चौराहे पर बड़े ही संभल कर चलने की सलाह देते हैं।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- दिवाली 7 और 8 मूलांक वालों के लिए बेहद खास, मां लक्ष्मी का मिलेगा आशीर्वाद

इस बात को लेकर शास्त्रों में जानकारी दी गई है चौराहे को चौगान माता का स्थान माना गया है। यानी कहे तो चौगान माता चौराहे की देवी को कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब पहले घर में विपदा आती थी, तो उसे दूर करने के लिए चौराहे की पूजा की जाती है। यानी चौराहे माता का आशीर्वाद लिया  जाता था। साथ ही चौगान माता से निर्विघ्न कार्य संपन्न होने की प्रार्थना भी करते हैं। वास्तु शास्त्र में ही चारों दिशा का भी ज्यादा महत्व होता है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- किस चीज से जलाएं यम के नाम का दीपक? घी या सरसों के तेल का

मान्यताओं के अनुसार, जिस प्रकार हर एक दिशा के देवता और स्वामी ग्रह होते हैं ठीक उसी प्रकार हर दिशी की एक देवी होती हैं। मान्यता है कि कड़ी में चौगान माता को चौराहे की देवी कहा जाता है। क्योंकि पहले के समय में चौराहे पर सात्विक पूजा की जाती थी। ऐसे में चौराहे पर संभलकर चलने की सलाह दी जाती थी ताकि पूजा की सामग्री पैर से न लगें। ऐसा करने से जातक को पाप लग सकता है।

यह भी पढ़ें- दिवाली की रात भूलकर न करें ये 3 काम, वरना मेहरबान नहीं होगी किस्मत

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Edited By

Raghvendra Tiwari

First published on: Nov 11, 2023 07:23 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें